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28 अगस्त 2014

मोदी के पीएम बनने के बाद एनडीए को पहला झटका: हजकां ने तोड़ा नाता

(फाइल फोटोः तीन साल पहले गठबंधन की घोषणा के वक्त सुषमा-गडकरी के साथ कुलदीप बिश्नोई)

नई दिल्ली. विधानसभा चुनावों से ऐन पहले हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) ने बीजेपी के साथ तीन साल पुराना गठबंधन तोड़ लिया है। हजकां सुप्रीमो कुलदीप बिश्नोई ने गुरुवार को चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी घोषणा की। उन्होंने बीजेपी को धोखेबाज पार्टी करार देते हुए कहा, "बीजेपी की इतिहास धोखा देने वाला है और हम ऐसे धोखेबाजों के साथ चुनाव में नहीं उतरेंगे।" बीजेपी ने कुलदीप बिश्नोई के आरोपों पर पलटवार किया है। पार्टी के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि हरियाणा की जनता बीजेपी का मुख्यमंत्री चाहती है। हुसैन के मुताबिक, हरियाणा की जनता कांग्रेस से इतनी नाराज है कि वह उसके किसी करीबी को भी बर्दाश्त नहीं करेगी। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद एनडीए को हजकां के गठबंधन से निकलने पर पहला झटका लगा है। लोकसभा चुनाव 2014 के बाद एनडीए से बाहर होने वाली हजकां पहली पार्टी है। 
 
इस बीच, हजकां के साथ गठबंधन टूटने से एनडीए में भी खलबली मच गई है। बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना के कई नेताओं ने पार्टी सुप्रीमो उद्धव ठाकरे से बात कर बीजेपी के साथ गठबंधन पर फिर से विचार करने को कहा है। कुछ नेताओं ने ठाकरे को बीजेपी को लेकर सतर्क रहने तक की सलाह दे डाली है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि हरियाणा में बीजेपी ने जो हजकां के साथ किया है, महाराष्ट्र में वही शिवसेना के साथ कर सकती है। 
 
गुरुवार को चंडीगढ़ में प्रेस से मुखातिब कुलदीप बिश्नोई ने बीजेपी पर आरोपों की झड़ी लगा दी। बिश्नोई ने कहा, "बीजेपी ने लोकसभा चुनावों के दौरान हमें दो सीटों पर हराया, जबकि हम उसके सहयोगी दल थे।" बिश्नोई ने कहा, "राज्य में हमें लगातार नीचा दिखाया जा रहा है, जिसे अब स्वीकार नहीं किया जाएगा।" हजकां सुप्रीमो ने कहा कि बीजेपी गठबंधन के सिद्धांतों पर कायम रहने के लिए तैयार नहीं है, इसलिए उन्होंने यह फैसला किया। 
 
गौरतलब है कि हरियाणा में जल्द होने जा रहे विधानसभा चुनावों में सीटों के बंटवारे के लिए बिश्नोई बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिलने दिल्ली पहुंचे थे, लेकिन शाह ने इनकार कर दिया था। गठबंधन खत्म होने की आशंका तभी से जताई जा रही थी। 
 
इससे पहले बुधवार को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के छोटे बेटे बिश्नोई ने बीजेपी पर अपने साथ छल करने का आरोप लगाया था। बिश्नोई ने भिवानी जिले के लोहारू स्थित अनाज मंडी में एक सभा में कहा था, "छलना बीजेपी के स्वभाव में है।" उन्होंने दावा किया था कि पिछले तीन साल से वह पूरे दिल से बीजेपी के साथ सहयोग करते रहे। 
 
लोकसभा चुनावों के समय से ही दरार
हरियाणा में सत्तारूढ़ हुड्डा सरकार को बेदखल करने की कोशिशों में लगी बीजेपी और हजकां के बीच दरार लोकसभा चुनावों के दौरान ही नजर आने लगी थी। हजकां दो सीटों पर चुनाव लड़ी और दोनों पर हार गई, जबकि बीजेपी ने सात सीटों पर जीत दर्ज की। विधानसभा चुनावों के लिए भी सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर दोनों दलों के बीच मतभेद होने के कारण उनके संबंध तनावपूर्ण थे। बताया जा रहा है कि बिश्नोई 90 में से 45 सीटें मांगते हुए कह रहे थे कि उन्हें गठबंधन का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाए, जबकि बीजेपी दोनों ही मांगों को खारिज कर रही थी।

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