आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

29 अगस्त 2014

दोस्तों में सोचता हूँ ,,जो भी सोचता हूँ शायद गलत सोचता हूँ

दोस्तों में सोचता हूँ ,,जो भी सोचता हूँ शायद गलत सोचता हूँ ,,,ऐसा आप समझोगे लेकिन ,,जो सोचता हूँ वोह बताना पढ़ेगा ,,,,मेरा सोचना है के अगर हमारे भारत में एक भी मुसलमान इस्लाम पर चलने वाला होता ,,एक भी हिन्दू भाई अपने सनातन धर्म या धर्म पर चलने वाला होता तो शायद वोह अपने भाइयों से फसाद नहीं प्यार सिर्फ प्यार करता ,,,बात फ़लसफ़े की है ,,,,,हिन्दू माइथोलॉजी में शिव पार्वती के सभी पुत्र पुत्रिया है अगर हिन्दू अपने भगवान को मानता है तो सभी जो भी लोग है वोह भाई भाई ,,भाई बहन हुए ,,,,,,,मुस्लिम माइथोलॉजी में आदम और हव्वा की ही सभी औलादे है तो फिर हम सभी भाई भाई ,,,,भाई बहन हुए ना ,,,फिर बताओ भाइयों में केसा झगड़ा ,,,छोडो झगड़े फसादात ,,,छोड़ों नफरत ,,हिंसा ,,जिहाद ,,,षड्यंत्र ,,आओ सब भुलाकर गले मिल जाए ,,अपने अपने धर्म ,,अपने अपने मज़हब में लिखा सही मानकर भाई को भाई से गले लगाये ,,,,,,,,,,,,,,अख्तर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...