जेल
में बंद संत आसाराम ने क्या कोई धर्म ग्रन्थ नहीं पढ़ा था ,,,,,,,,,,,जो
उनसे पाप होते गए ,,,,,,,,,,,जेल में बंद मौलवियों ने किया उनका धर्म
ग्रन्ध नहीं पढ़ा था जो वोह लड़कियों के अस्मत के सौदागर के आरोपी बन कर जेल
में है ,,,,,,इसीलिए तो कहते है धर्मग्रन्थ पढ़ने से इंसान पाप से दूर नहीं
होता संस्कारों से इंसान पाप से दूर होता है ,,हमे संस्कार की शिक्षा की
ज़्यादा ज़रूरत है वरना कोई भी मोलवी ,,मुफ़्ती ,,साधु संत ,,,कभी जेल में
नहीं जाता जबकि सभी जानते है के इन दिनों जेलों में संस्कार की शिक्षा
प्राप्त करने वाले नहीं है बल्कि यही लोग जेलों में जा रहे है
,,,,,,,,,,,,,,,
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)