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09 जुलाई 2014

बीजेपी के नए अध्यक्ष: पीवीसी पाइप बेचने वाले परिवार से आए अमित शाह को कमान




फोटो: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह। 
 
नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2014 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी को 71 सीटें जितवाने वाले अमित शाह बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। 49 साल के अमित शाह के नाम पर बुधवार दोपहर बीजेपी के संसदीय बोर्ड ने मुहर लगा दी। इसके साथ ही बीजेपी में नए युग की शुरुआत हो गई। शाह के अध्यक्ष बनते ही पार्टी और एनडीए सरकार 'वाजपेयी युग' की छाया से पूरी तरह से बाहर आ गई है। सरकार की अगुआई नरेंद्र मोदी और पार्टी की अगुआई उनके करीबी अमित शाह कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने दो दिनों पहले ही अमित शाह के नाम पर अध्यक्ष पद के लिए मुहर लगा दी थी। अमित शाह का संबंध गुजरात में पीवीसी पाइप का कारोबार करने वाले परिवार से है। 
 
यूपी की कामयाबी का मिला ईनाम 
अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के इंचार्ज के रूप में बीजेपी को 71 और सहयोगी पार्टी अपना दल को 2 सीटों पर ऐतिहासिक जीत दिलवाई थी। अमित शाह ने शानदार रणनीति और राजनीतिक कौशल दिखाते हुए पार्टी को अभूतपूर्व जीत दिला दी। बीजेपी को 282 सीटों पर जीत दिलाने में उत्तर प्रदेश की अहम भूमिका रही। शाह अपने ज्यादातर पूर्ववर्ती अध्यक्षों-राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, वेंकैया नायडू, कुशाभाऊ ठाकरे और जना कृष्णमूर्ति की तुलना में बड़े चुनाव रणनीतिकार साबित हुए हैं।  
 
गडकरी ने की लॉबिंग 
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की रेस में अमित शाह का नाम सबसे आगे चल रहा था। लेकिन उनके नाम के लिए संघ नेतृत्व से लॉबिंग का काम पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने किया। गडकरी का आरएसएस के मौजूदा प्रमुख मोहन भागवत से अच्छा रिश्ता है। गडकरी ने संघ नेतृत्व को अमित शाह के नाम पर राजी करा लिया। गडकरी उन तीन नेताओं में शामिल हैं, जो मोदी के सबसे करीबी हैं। उस तिकड़ी में दो अन्य नाम हैं-राजनाथ सिंह और अरुण जेटली।  
 
शाह की चुनौतियां   
अमित शाह के सामने अगले तीन महीनों में तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव पहली चुनौती होंगे। ये राज्य हैं-महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड। महाराष्ट्र में बीजेपी 15 साल से सत्ता से बाहर है, तो हरियाणा में भी एक दशक हो गया है। इसके अलावा दिल्ली को लेकर भी उन्हें अहम फैसले लेने हैं। अगले साल बिहार में होने वाले चुनाव भी शाह के सामने बड़ी चुनौती साबित हो सकते हैं।  
 
शाह की तरक्की 
49 वर्ष के अमित शाह ने बीजेपी में निचले स्तर से लेकर पार्टी की सबसे बड़ी कुर्सी तक का सफर कुछ दशकों में तय कर लिया। वॉर्ड अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक पहुंच चुके शाह 1997 में पहली बार विधायक चुने गए थे। उसके बाद 1998, 2002 , 2007 और 2012 में विधायक बने। शाह गुजरात की नारणपुरा विधानसभा सीट से विधायक हैं। वे 2003 से लेकर 2010 तक गुजरात सरकार में मंत्री रहे हैं। 2010 सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में सुप्रीम कोर्ट ने अमित शाह के गुजरात जाने पर रोक लगा दी थी। तब से शाह ने दिल्ली को अपना ठिकाना बनाया। हालांकि, कोर्ट ने बाद में उन्हें राहत दी। 2013 में शाह बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और 2014 में राष्ट्रीय अध्यक्ष बने।  
 
राजनीतिक जीवन 
अमित शाह बचपन से संघ से जुड़े हुए हैं। कॉलेज के दिनों में वे औपचारिक तौर पर संघ के स्वयंसेवक बने। अमित शाह ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़कर 1983 में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था। वे 1986 में बीजेपी में शामिल हुए। इसके एक साल बाद नरेंद्र मोदी बीजेपी से जुड़े। इसके बाद वे बीजेपी की युवा मोर्चा के साथ जुड़ गए। युवा मोर्चा में शाह ने वॉर्ड सचिव, तालुका सचिव, राज्य सचिव, उपाध्यक्ष और महासचिव तक का सफर तय किया।  
 
1982 में पहली बार मिले थे मोदी से 
1982 में अमित शाह पहली बार नरेंद्र मोदी से मिले थे। तब नरेंद्र मोदी अहमदाबाद में युवाओं के लिए संघ की ओर से काम करते थे। दोनों ने मिलकर बीजेपी और संघ के अन्य संगठनों के लिए मिलकर काम किया। 1995 में बीजेपी ने गुजरात में पहली बार अपनी सरकार बनाई। उस दौर में अमित शाह और नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर गुजरात के ज्यादातर गांवों में दूसरे नंबर के सबसे प्रभावशाली नेता की पहचान कर उन्हें बीजेपी में शामिल कराया। दोनों ने मिलकर गुजरात में 8 हजार ऐसे नेताओं का नेटवर्क खड़ा कर दिया, जो प्रधान का चुनाव हारे थे। इस तरह से गांव-गांव तक बीजेपी से नेताओं को जोड़ा गया। 1995 में जब केशुभाई पटेल गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो मोदी के साथ शाह की करीबी उन्हें पसंद नहीं आई। यही वजह है कि 1997 में विधानसभा उपचुनाव जीतने और 1998 में विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बावजूद उन्हें सरकार में कोई अहम पद नहीं मिला। लेकिन 2001 में नरेंद्र मोदी के गुजरात की सत्ता संभालते ही शाह के दिन बदलने लगे। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने शाह को अपनी सरकार में गृह राज्य मंत्री का अहम पद दिया।   
 
 
कारोबारी परिवार से ताल्लुक 
अमित शाह का जन्म प्लास्टिक पाइप का कारोबार करने वाले घराने में 1964 में हुआ था। शाह ने गुजरात के मेहसाणा से स्कूल की पढ़ाई की। उसके बाद वे अहमदाबाद गए और बायोकेमेस्ट्री विषय से ग्रैजुएशन किया। इसके बाद वे बिजनेस में अपने पिता का हाथ बंटाने लगे। शाह स्टॉक ब्रोकर के रूप में और को-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष के रूप में भी काम कर चुके हैं।

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