घटनास्थल पर जिंदा बम को निष्क्रिय करते हुए बम निरोधक दस्ते के सदस्य
लखनऊ/फैजाबाद. फैजाबाद के जिला कोर्ट में पेशी के लिए लाए गए
पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह उर्फ सोनू सिंह और उनके भाई मोनू सिंह
पर बुधवार को बमों से हमला किया गया। बम धमाके के बाद फायरिंग भी
हुई। इसमें बम फेंकने वाले और एक अन्य शख्स की मौत हो गई। वारदात में
माेनू सहित कई लोग घायल भी हुए, जिनमें एक की हालत गंभीर है। पुलिस ने कुछ
लोगों को गिरफ्तार भी किया है। मौके से पुलिस को तीन जिंदा बम भी मिले
हैं।
पुरानी रंजिश है वजह
सोनू सुल्तानपुर से बीजेपी के विधायक रह चुके हैं, जबकि मोनू पूर्व
ब्लॉक प्रमुख है। संत ज्ञानेश्वर हत्याकांड में दोनों भाई को पेशी के लिए
लाया गया था। घटना के बाद नाराज वकीलों ने कोतवाल की जमकर धुलाई कर दी।
इसके बाद मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स और पीएसी के जवान पहुंच गए।
संत ज्ञानेश्वर हत्याकांड
2005 में संत ज्ञानेश्वर अपने शिष्यों के साथ इलाहाबाद के माघ मेले से
लौट रहे थे। हंडिया के पास उनके काफिले पर अत्याधुनिक हथियारों से
ताबड़तोड़ फायरिंग हुई थी। इसमें संत ज्ञानेश्वर समेत चार लोगों की मौत हो गई
थी। सोनू सिंह और संत ज्ञानेश्वर के बीच बाराबंकी के एक आश्रम को लेकर
विवाद चल रहा था। दोनों की तरफ से एक-दूसरे पर हमले के कई मुकदमे दर्ज हैं।
पुलिस ने पहले इसे पूर्वांचल के माफिया ताकतों की साजिश बताई थी। बाद में
संत ज्ञानेश्वर के शिष्यों ने इस मामले में सोनू और मोनू सहित आधा दर्जन
लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर मुकुल गोयल ने
बुधवार की घटना को भी पुरानी रंजिश का नतीजा बताया है।
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