फोटो: प्रतीकात्मक इस्तेमाल
चेन्नर्इ. सरकारी उपक्रम केनेरा बैंक रिक्रूटमेंट या भर्ती से
जुड़े एक फॉर्म को लेकर विवादों में हैं। इसमें महिला कैंडिडेट्स से उनकी
स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारियां मांगी गई थीं, जिसमें उनके पीरियड्स और
प्रेगनेंसी से जुड़ी निजी जानकारी भी मांगी गई। इस साल की शुरुआत में लागू
किए गए इस फिटनेस फॉर्म को बैंक को उस वक्त वापस लेना पड़ा, जब एक
कर्मचारी संगठन ने कहा कि इन जानकारियों का महिला कैंडिडेट्स की नौकरी से
कोई सरोकार नहीं है और ऐसी सूचनाएं मांगना मानवाधिकारों का उल्लंघन और
लैंगिक भेदभाव है।
क्या है फॉर्म में
सिलेक्शन से पहले महिला कैंडिडेट्स की ओर दाखिल किए जाने वाले इस फॉर्म में बीते मासिक चक्र की तारीख, गर्भधारण की जानकारी के अलावा यूटेरस, ओवरीज, ब्रेस्ट आदि से जुड़ी बीमारी होने की दशा में उनकी मेडिकल हिस्ट्री मांगी गई। फॉर्म के मुताबिक, प्रेगनेंसी तुरंत अपॉइंटमेंट के मार्ग में बाधा है। फाॅर्म में एचआईवी, किडनी की बीमारी, हाइपरटेंशन, हीमोफीलिया और कैंसर जैसी दर्जन भर बीमारियों का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि इन मर्ज से पीडि़त कैंडिडेट्स को नौकरी के लिए फिट नहीं माना जाएगा।
क्या कहा संगठन ने
बैंक एम्प्लाईज फेडरेशन ऑफ इंडिया के अधिकारी पी एस कृष्णन ने कहा कि फॉर्म का यह नया फॉर्मेट जेंडर के आधार पर कैंडिडैट्स को बाहर करने के मकसद से लाया गया। वहीं, मद्रास हाई कोर्ट की वकील सुधा रामालिंगम ने फॉर्म को घटिया करार देते हुए कहा कि इसमें संवेदनशीलता की कमी है। उन्होंने कहा कि फॉर्म में जिस तरह की जानकारी मांगी गई है, वह स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा पूछे जाने वाले सवाल हैं, किसी नौकरी प्रदाता द्वारा नहीं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)