आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

01 जुलाई 2014

ई-रिक्‍शों पर बैन हटाकर अपनी कंपनी का फायदा करना चाहते हैं नितिन गडकरी?

ई-रिक्‍शों पर बैन हटाकर अपनी कंपनी का फायदा करना चाहते हैं नितिन गडकरी?
 
नई दिल्‍ली. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कुछ वक्‍त पहले कहा था कि सरकार राजधानी दिल्‍ली में ई-रिक्‍शा पर लगे बैन को खत्‍म करने के लिए कानून में बदलाव करेगी और  'दीन दयाल योजना' लाएगी, जिसके तहत  ई-रिक्‍शा खरीदने वालों को 3 पर्सेंट के ब्‍याज दर पर लोन दिया जाएगा। एक अंग्रेजी अखबार ने दावा किया है कि गडकरी की इस कवायद से दिल्‍ली के एक लाख  र्इ-रिक्‍शा चालकों के परिवारों के अलावा गडकरी के परिवार से जुड़ी एक कंपनी को भी फायदा होगा। 
 
गडकरी की कंपनी बनाती है ई-रिक्‍शा
द इंडियन एक्‍सप्रेस की खबर के मुताबिक, पूर्ति ग्रीन टेक्‍नोलॉजीस (पीजीटी) प्राइवेट लिमिटेड गडकरी द्वारा स्‍थापित पूर्ति ग्रुप की कई कंपनियों में से एक है। यह कंपनी 2011 में रजिस्‍टर्ड हुई थी और खुद गडकरी 2011 तक इस कंपनी के चेयरमैन थे। खबर के मुताबिक, पीजीटी उन 7 कंपनियों में से एक है, जिसे काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ने बैटरी ऑपरेटेड रिक्‍शा बनाने और बेचने का लाइसेंस 2012 में दिया था। 
 
नियमों में बदलाव का इंतजार कर रही है कंपनी 
पीजीटी के डायरेक्‍टर और गडकरी के रिश्‍तेदार अशोक उर्फ राजेश तोतडे ने अखबार को बताया कि उनकी कंपनी मोटर के पावर को लेकर दी जाने वाली राहत का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वे बैटरी से चलने वाले रिक्‍शे का उत्‍पादन शुरू कर सकें। राजेश के मुताबिक, 'केंद्र मोटर व्हीकल एक्‍ट में बदलाव करने की तैयारी में है और हम भी अपना प्रोडक्‍ट बाजार में उतारने के लिए तैयार हैं।'
 
नियम बदलने का वादा किया था गडकरी ने 
अखबार के मुताबिक, राजेश उसी राहत के संबंध में कह रहे हैं, जिसका जिक्र गडकरी ने 17 जून को राजधानी में आयोजित ई-रिक्‍शा चालकों की रैली में किया था। गडकरी ने कहा था, '650 वॉट मोटर क्षमता वाले ई-रिक्‍शों को गैर मोटर क्षमता वाली गाड़ी माना जाएगा। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट और ट्रैफिक पुलिस उनका चालान नहीं कर पाएगी।' गडकरी ने यह वादा भी किया था कि मोटर व्हीकल एक्‍ट 1988 में बदलाव किया जाएगा, क्‍योंकि वर्तमान में इस एक्‍ट के तहत 250 वॉट मोटर क्षमता और अधिकतम 25 किमी प्रति घंटा रफ्तार वाले वाहनों को ही गैर मोटर श्रेणी का समझा जाता है। 
 
क्‍या कहा गडकरी ने? 
अखबार ने ई-मेल के जरिए गडकरी से पूछा कि उन‍के मंत्री पद पर रहते हुए कंपनी को ई-रिक्शों के उत्‍पादन की मंजूरी मिलना क्‍या कन्‍फ्लिक्‍ट ऑफ इंटरेस्‍ट (हितों के टकराव) का मामला नहीं है? गडकरी ने कहा है कि इन ई-रिक्‍शों को बहुत सारी कंपनियां बना रही हैं और किसी एक कंपनी की मोनोपोली नहीं है और न ही किसी पर कोई रोक लगाई गई है। गडकरी ने कहा, 'जहां तक ई-रिक्‍शा मालिकों को 3 प्रतिशत दर पर लोन लेने के लिए बैंकों को प्रोत्‍साहित करने का मामला है, मैं इस बारे में पीएम नरेंद्र मोदी और वित्‍त मंत्री अरुण जेटली को लिख चुका हूं।'

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...