ऐ री मोहब्बत
चल हट ,,इतरा मत ,,
में तो तेरी
नफरत के सहारे
ज़िंदगी गुज़ार लूंगा
वोह बात और है
ज़िंदगी खतम शुद खतम शुद ,,,तेरे बगैर
ऐ मोहब्बत चल हट इतरा मत ,,,,,
चल हट ,,इतरा मत ,,
में तो तेरी
नफरत के सहारे
ज़िंदगी गुज़ार लूंगा
वोह बात और है
ज़िंदगी खतम शुद खतम शुद ,,,तेरे बगैर
ऐ मोहब्बत चल हट इतरा मत ,,,,,
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