कहते है ,,,जो जीता वोह सिकंदर है ,,,,कोटा में
भी एक ओम बिरला ऐसे अविजित ,,अजात क्षत्रु है ,,जो सिर्फ और सिर्फ जीतना
जानते है ,,चुनाव जीतना बात है लेकिन ओम बिरला लोगों के दिलों को भी जीतते
है ,,और इसीलिए वोह लोगों के दिलों पर राजकर विकट परिस्थितियों में भी
हारी हुई बाज़ी को जीत में बदलने की क्षमता रखते है ,,,शायद इसी विधा ,,इसी
क़ाबलियत को देख कर भाजपा ने राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें विधायकों ,,सांसदों
और जनप्रतिनिधियों को स्थाई जीत के लिए माहोल बनाने के लिए क्लास मास्टर
बनाया था जिन्होंने भाजपा के सांसद
,,,विधायक ,,,जिला प्रमुख ,,महापौर ,,निकाय प्रतिनिधियों को जनता से जुड़कर
पार्टी को जिताने के नुस्खे लोगों को सिखाये और मोदी गुड गवर्नेंस के साथ
साथ देश में भाजपा की इस बढ़ी जीत के पीछे ,,कोटा के नवनिर्वाचित सांसद ओम
बिरला की भी विशेष भूमिका रही है ,,देश में नमो मंत्र के साथ साथ ओम मंत्र
का भी जलवा रहा है ,ओम बिरला जो किसी पहचान के मोहताज नहीं है ,,,वोह
प्राइमरी स्तर से ही नेतृत्व क्षमता रखते थे पहले अपने दोस्तों में मुखर
होकर नेतृत्व किया फिर मिडिल स्तर पर न्यू मिडिल स्कूल मोखापाड़ा में छात्र
संघ का चुनाव जीत कर अध्यक्ष बने ,,,फिर मल्टी पर्पस स्कूल गुमानपुरा कोटा
में हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्र संघ अध्यक्ष बने उनका यह सिलसिला रुका
नहीं और कॉमर्स कॉलेज में वोह फिर छात्रसंघ के अध्यक्ष निर्वाचित हुए ,,फिर
तो इनके सहयोग और समर्थन से ही कोटा के सभी कॉलेजों में छात्रसंघ के
अध्यक्ष निर्वाचित होने लगे ,,युवाओ के दिलों की धड़कन बनने के बाद ओम बिरला
युवा भाजपा से जुड़े और भाजपा ने इन्हे पहले राजस्थान का नेतृत्व दिया फिर
पुरे हिन्दुस्तान में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया ,,ओम बिरला खुद को जनता के
साथ जोड़ने के लिए सेवा कार्यों और सहकारिता क्षेत्र से जुड़ी संस्थाओं से
जोड़ते गए और आज ओम बिरला सहकारिता के एक छत्र नेता है ,,,हर सहकारिता
संस्था पर ओम बिरला के समर्थकों का क़ब्ज़ा है ,,,,,,इन्हे विधायक का टिकती
दिया गया ,,कोटा से दिग्गज मंत्री शांती कुमार धारीवाल को इन्होने भारी मतो
से हराकर पुरे राजस्थान को चकित कर दिया ,,फिर दूसरी बार दूसरे कांग्रेस
के दिग्गज मंत्री रामकिशन वर्मा को रिकॉर्ड मतों से हराकर अपनी रिकॉर्ड जीत
दर्ज कराई ,,,,इस बार कोटा दक्षिण से कड़े मुकाबले के बीच रिकॉर्ड मतों से
कांग्रेस के मुख्यमंत्री के निकटतम प्रत्याक्षी को हराया ,,,,ओम बिरला को
विकट परिस्थितियों के चलते एक चुनौती के रूप में कोटा लोकसभा क्षेत्र से
चुनाव लड़ने की चुनौती दी गयी ,,उनके खिलाफ कुछ उन्हें की पार्टी के लोग थे
लेकिन उन्होंने यह चुनौती स्वीकार की और एक टीम भाव इलेक्शन मैनेजमेंट की
प्रतिभा दिखा कर विकट परिस्थितियों पार्टी का आंतरिक विरोध झेल कर भी खुद
को दो लाख से भी अधिक वोटो से जीत दिलाकर साबित कर दिखाया है ,ओम बिरला
महिला संगठन ,,समाज सेवी संगठन ,,,दलित ,,मुस्लिम ,,मरीज़ ,,,पीड़ित ,,शोषित
,,कर्मचारी ,,वकील ,,अधिकारी ,,चिक्तिसक ,,,पेंशनर्स सहित हर वर्ग से जुड़े
है वोह भूखो को रोटी देते है ,,नंगों को कपड़े तो बीमार को दवा ,,,मरीज़ों
की मुफ्त जांच और इलाज का खर्च भी देते है ,,बेघरों को रैनबसेरे का घर
सर्दी से ठिठुरते लोगों को गरम कपड़े ,,नंगे पैर घूम रहे लोगों को जूते
चप्पल देते है ,,, जबकि लोगों को बेंको से व्यापार के लिए लोन दिलवाकर
स्थापित भी करते है ,,,सभी को शादी की सालगिरह ,जन्म दिन की मुबारकबाद देते
है ,,,,जीवन ,,मरण ,,परंण के हर कार्यक्रम में शामिल होते है ,,कोटा और
राजस्थान के हर जनहित के आंदोलन में पार्टी से अलग हठकर जनहित में शामिल
रहते है ,,विधानसभा हो या फिर कही और अपनी उपस्थिति एक जीवित आदमी की तरह
कुछ अलग कर दिखाते है ,,,वोह कहते है के मेरी कामयाबी के पीछे मेरे मित्र
है ,,,ओम बिरला जीवन के आखरी पड़ाव क़ब्रिस्तान और श्मशान से भी सरोकार रखते
है और कोटा का मुक्तीधाम एक आदर्श श्मशान बनाने में इन्होने और इनके परिवार
ने सब कुछ त्याग कर असंभव को संभव कर दिखाया है ,,,,,,,,,,इनकी इस कामयाबी
के पीछे इनका खुद का क्रेज ,, महनत ,,लगन तो है ही लेकिन इनके परिवार में
पिता ,,छोटे भाई साहब ,,पत्नी और पुरे भाई एक टीम भाव से जब होमवर्क कर
इन्हे देते है तो यह जीत की तरफ हमेशा क़दम बढ़ाते है ,,इनके मित्र एक बार
मित्र बनने के बाद इनसे अलग होने की सोच भी नहीं सकता क्योंकि इन्हे यारों
का यार भी कहा जाता है ,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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