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17 मई 2014

में दो कोडी का आदमी

में दो कोडी का आदमी
कोई क्यों मुझ से प्यार करे ,,
में दो कोडी का आदमी
कोई क्यों मुझपे ऐतेबार करे
में दो कोडी का  आदमी
मुझ से कोई प्यार अगर करे
तो फिर मुझ पर ही उसका प्यार क्यों क़ायम रहे
में दो कोडी का आदमी
कोई क्यों और किसलिए मेरी बात माने
कोई क्यों और इसलिए में लिखूं उसे सच जाने
में दो कोडी का आदमी
कोई क्यों मुझसे प्यार करे
कोई क्यों मुझपर ऐतेबार करे
में दो कोडी का आदमी
बस इतना समझ लेना
मुझे खरीदने भर की चाह अगर किसी में हो
तो जान लेना ऐ दोस्त
आजकल मुझे खरीदने के लिए
दो कोडी तलाशने में ज़िंदगी गुज़र जाएगी
में दो कोडी का आदमी
क्यों कोई मुझ से प्यार करे
क्यों कोई मुहपे ऐतबार करे ,,,,,अख्तर

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