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07 मई 2014

दोस्तों धर्म मज़हब ओर सियासत का भी अजीब रिश्ता है ,धर्म मज़हब के ठेकेदार जब सियासी गुलाम हो जाते है तो सभी मर्यादाएं भुलाकर इश्वर ,,अल्लाह ,,पीर फकीरो ,,सूफी संतों को भी यह सियासी गुलाम चकमा देते नजऱ आते है

दोस्तों  धर्म मज़हब ओर सियासत का भी अजीब रिश्ता है ,धर्म मज़हब के ठेकेदार जब सियासी गुलाम हो जाते  है तो सभी मर्यादाएं भुलाकर इश्वर ,,अल्लाह ,,पीर फकीरो ,,सूफी संतों को भी यह सियासी गुलाम चकमा देते नजऱ आते है ,,,,,,,अभी हाल ही मे अजमेर मे सूफी सन्त हिन्द वली ख़वाजा साहब के उर्स थे ,,मुस्लिम सियासी लोगों ने कभी मुख्यमंत्री वसुंधरा तो कभी सोनीया गाँधी तो राहुल गांधी तो परधानमंत्री मनमोहन सिंह तो राजनाथ सिंह  नरेंदर मोदी सभी की तरफ से सियासी कार्यकर्ताओं ने ख्वाजा के दरबार मे चादर ओर अक़ीदत के फूल पेश किये ,,अख़बारों मे इस खबर को सुर्ख़ियों मे लिया गया लेकिन दोस्तो धर्म  के खिलाफ़ सियासत के लिये अपने धर्म से यह गद्दारी तोबा तोबा कहलवाती है सभी जानते है के अव्वल तो चादर ओर अक़ीदत के फ़ुल  खुद आकर चदाये  त्तब कूबूल होते है ,,अगर  लूले लंगड़े हो बीमार हो ,,,अत्यँत व्यस्त हो कोसो दूर हो तो भी ऐसे लोगों की तरफ से पेश होने वाले फूल ओर चादर की कीमत वही अदा करेगा जिसने चादर पेश की है ओर अक़ीदत के फूल पेश किये है लेकिन दोस्तों प्रधानमंत्री जी ,,सोनिया जी ,,वसुँधरा जी ,,राजनाथ  सिंह जी ,,,,मोदी जी ,,राहुल जी वगेरा वगेरा के नाम की पेश सियासी चादरों ओर अक़ीदत के पेश किये गए फूलों की कीमत किसी ने भी चुकता नहीं की है फ़िर भी मुस्लिम धर्म के सियासी लोग सियासी मौलाना बेशर्मी से ख़वाजा के दरबार मे भी धोखा कर रहे है ,,,,,,,,

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