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23 मई 2014

केजरीवाल जिन्हे देश के प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी स्वीकारित रूप से पाकिस्तान का एजेंट कह चुके है ,,वोह केजरीवाल इन दिनों ,,मानहानि के तुच्छ मुक़दमे में ज़मानत पेश नहीं करने के मामले में सम्मन मामला होने पर भी जेल में है

अरविन्द केजरीवाल जिन्हे देश के प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी स्वीकारित रूप से पाकिस्तान का एजेंट कह चुके है ,,वोह केजरीवाल इन दिनों ,,मानहानि के तुच्छ मुक़दमे में ज़मानत पेश नहीं करने के मामले में सम्मन मामला होने पर भी जेल में है ,,,केजरीवाल जेल तो गए लेकिन हाई प्रोफाइल मामलों में जल्दी सुनवाई हो एक भावी मंत्री को आगामी तारीख पेशी पर मंत्री बन जाने के बाद जिरह के लिए वकीलों के सवाल का जवाब देने के लिए न्यायालय में उपस्थित होना पढ़े ,,नयी बात नए सवालात ,,नये सुबूतों का सामना करना पढ़े यह तो पक्का और पुख्ता बात है ,,,,केजरीवाल की ज़मानत नहीं लेने की रिवायत नहीं है ,,देश के लिए भ्रष्टाचार के समर्थक अँगरेज़ सरकार द्वारा गिरफ्तार करने पर महात्मा गांधी ने ज़मानत देने से इंकार कर जेल जाना स्वीकार किया था ,,,,मुंबई के कार्टूनिस्ट ने जेल जाना स्वीकार किया था ,,इस मामले में खातुन आरा ,मधु लिमये ,,,मेनका गांधी ,,शीला वर्से ,, गुरुबख्श सिंह सिब्बिया मामलों में ज़मानत ,,मुचलके को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत ने सिद्धांत प्रतिपादित करते हुए महत्वपूर्ण आदेश दिए है ,,,,इन आदेशो के अनुसरण में माननीय उच्चतम न्यायालय लगातार लेंड मार्क जजमेंट दे रही है ,अदालतों की दिलचस्पी लोगों को जेल भेजने से ज़्यादा त्वरित सुनवाई में होती है ,,और वोह पूर्ति केजरीवाल ने जेल जाकर पूरी की है ,,अगर केजरीवाल ज़मानत पर होते तो गडकरी को गवाही के लिए कई महीनों बाद अदालत बुलाया जाता ,,उनकी दरख्वास्त लगती फिर तारीख़ बदलती लेकिन अब न्यायिक अभिरक्षा में होने से 14 तारीख और गडकरी की कोर्ट उपस्थिति की समयसीमा निश्चित हो गई है ,,,,,,,,,,,,,,,,,इस मामले में केजरीवाल की अपील या निगरानी याचिका में फैसला जो भी आये लेकिन वोह फैसला देश के वकीलों के लिए लैंडमार्क जजमेंट कहा जाएगा ,,,, सब जानते है के मानहानी के मामलों में फौजदारी प्रकरण हो तो कैसे दांवपेंच होते है ,,और मानहानि प्रकरण में परिवादी का क्या हश्र होता है ,,,अब तो नितिन गडकरी समर्थकों की पूरी कोशिश यह होना चाहिए के गडकरी मुक़दमा वापस ना ले और केजरीवाल को सख्त से सख्त सज़ा दिलवाए वैसे अगर केजरीवाल हारे तो भुगती हुई सज़ा में छूट जाएंगे लेकिन अगर जीत गए तो बस फिर तो वोह बेवजह हीरो हो जाएंगे अब गडकरी मुक़दमा वापस ले तो भी मुश्किल और मुक़दमा वापस ले तो भी मुश्किल और मुक़दमा चलाये तो भी मुश्किल गले की हड्डी है भाई ,,,,,,अख्तर

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