दोस्तों
अगर में देश में फेल रहे भ्रष्टाचार को समाप्त करना चाहता हूँ ,,,,अगर में
देश में जमाखोरों ,वायदा व्यापारियों ,,,बेईमानों ,,मक्कारों ,,अपराधियों
को जेल की सींखचों के पीछे देखना चाहता हूँ तो क्या में बुरा सोचता हूँ
क्या में गलत सोचता हूँ ,,,,अगर में मेरे देश की सीमाओं को सुरक्षित देखना
चाहता हूँ ,,,अगर में देश में आतंकवाद का खात्मा चाहता हूँ ,,,अगर में देश
में धर्म की राजनीति को खत्म कर केवल एक
धर्म राष्ट्रधर्म की कल्पना करता हूँ तो क्या में गलत सोचता हूँ ,दोस्तों
अगर में मेरे इस देश में खुशहाली ,,अमन सुकून ,,,,सुरक्षा ,,,त्वरित न्याय
,,त्वरित चिकित्सा ,,मुफ्त और सस्ती शिक्षा ,,रोज़गार चाहता हूँ तो क्या में
गलत सोचता हूँ ,,,अगर में भारत का रुपया जो विदेशों में भरा पढ़ा है उसे
देश में लाने की बात करता हूँ तो क्या में गलत करता हूँ ,,,अगर में देश से
वायदा व्यापारियों सटोरियों ,,बेईमान जनता का खून चूसने वाले भ्रष्ट
उद्द्योग्पतियों को जेल में देखना चाहता हूँ ,अगर में देश में एक व्यक्ति
केवल एक सीट से ही चुनाव लड़े और जिस क्षेत्र का स्थाई निवासी है उसी
क्षेत्र या फिर राज्य से चुनाव लड़े अगर ऐसा क़ानून चाहता हूँ तो क्या ग लत
चाहता हूँ ,,,,,,,दोस्तों अगर में धर्म के नाम पर मंदिर मस्जिद के नाम पर
इंसानों को बांटने का काम करने वालों के लिए जेल की मांग करता हूँ ,,अगर
में मज़हबी नफरत और दंगे फसादात फैलाने वालों को जेल में भेजना चाहता हूँ तो
बताइये क्या में गलत करता हूँ ,अगर में सौदेबाज सांसद विधायकों के खिलाफ
कार्यवाही चाहता हूँ ,,,,,संसद में रूपये लेकर सवाल पूंछने वाले वोट देने
वाले और वाक आउट करने वाले चोर सांसदों की बर्खास्तगी चाहता हूँ तो क्या
गलत चाहता हूँ ,,,,अगर में मुलायम ,,,आज़म खान ,,तोगड़िया ,,,मोदी ,,,इमाम
बुखारी ,,,,कल्बे जव्वाद ,,,,और दूसरे नफरत फ्रेलाने और सत्ता हथियाने की
कोशिश में देश को बांटने की बात करने वालों का विरोध करता हूँ तो क्या में
गलत करता हूँ ,,,अगर में मोलवी मुल्लाओं ,,धर्मगुरुओं संत महात्माओ को
सियासत में सौदेबाज़ी से दूर रखने की बात करता हूँ तो क्या में गलत करता हूँ
,,अगर में देश में पेड़ मिडिया बिकाऊ मीडिया नफरत फैलाने वाले सियासी गुलाम
मिडिया को जेल भेजने के क़ानून की बात करता हूँ तो क्या में गलत करता हूँ
,,,,अगर में ऐसा करता हूँ ऐसा सोचता हूँ इस दिशा में क़दम उठाने की पहल करता
हूँ ,,कुछ लिखता हूँ तो मुझे लोग कांग्रेस और भाजपा का दुश्मन क्यों समझने
लगते है में नहीं समझ पाता हूँ ,
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
12 अप्रैल 2014
दोस्तों अगर में देश में फेल रहे भ्रष्टाचार को समाप्त करना चाहता हूँ ,,,,अगर में देश में जमाखोरों ,वायदा व्यापारियों ,,,बेईमानों ,,मक्कारों ,,अपराधियों को जेल की सींखचों के पीछे देखना चाहता हूँ तो क्या में बुरा सोचता हूँ क्या में गलत सोचता हूँ ,,,
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आप कुछ गलत नहीं सोच रहे, कुछ गलत नहीं कर रहे पर आप गलत स्थान पर बैठे है यह सब एक साथ नहीं होगा वर्ना "आप"वाली हालत हो जाएगी
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