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02 अप्रैल 2014

कमर के नीचे नहीं है शरीर, एक हाथ भी बेकार, हौसलों से खड़ा किया व्यापार




जमशेदपुर. कमर के नीचे शरीर का आधा भाग नहीं है। एक हाथ भी बेकार। ठीक से बैठ नहीं पाते, लेकिन जीने का जज्बा कमाल का है। पत्नी या भाई के सहारे उठना-बैठना होता है, मगर बेबसी पर घबराए नहीं। जिंदगी को बोझ नहीं समझा। पत्नी के प्यार के सहारे इसे ताकत बनाया और लगभग तीन साल से मानगो में होटल व्यवसाय कर रहे हैं। यह कहानी है जाकिरनगर, रोड नंबर-11, वेस्ट मानगो निवासी मो. शहाबुद्दीन (शहाब) की। साल 2010 में शहाब ने लव मैरिज किया था। शादी के सात महीने बाद आबुधाबी में हुई दुर्घटना में वे शरीर का आधा हिस्सा गंवा चुके हैं। पत्नी मासूमा बेगम ने हौसला दिया। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आज वे सफल होटल व्यवसायी हैं। मानगो में उन्होंने बेटे के नाम पर 'शहबान होटल' खोल रखा है।
कमजोरी नहीं, उनकी ताकत हूं : मासूमा
शहाब की पत्नी मासूमा कहती हैं, दुर्घटना के बाद आबुधाबी में डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था कि पति नहीं बचेंगे। लेकिन, यकीन था कि उनकी जिंदगी सलामत रहेगी। बकौल मासूमा, 'जब शहाब आए, तो उन्हें देखने के बाद कई रिश्तेदारों ने कहा था कि मैं अलग घर बसा लूं। लेकिन, मेरे लिए वो सबकुछ हैं। वो मेरा प्यार हैं। मुसीबत की घड़ी में कैसे साथ छोड़ दूं। मैं पति की कमजोरी नहीं, उनकी ताकत हूं।'

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