दोस्तों कोटा की आन बान शान और खूबसूरत नज़ारो का
स्थान कोटा बैराज की खूबसूरती और लुत्फ़ अब सरकारी क़ैदखाने में बंद हो गया
है ,,,पिंजरे में बदन सलाखों से घिरा यह कोटा बैराज अब लोगों के मनोरंजन
और सेर सपाटे की जगह नहीं रही है ,,,यहां के कबूतर और मछलियाँ अब लोगों के
प्यार को तरस गयी है ,,,एक वीराने जैसा माहोल इस कोटा के वरदान कोटा बैराज
का सिचाई विभाग और राजस्थान सरकार ने कर दिखाय है जबकि स्थानीय राजनीति से
जुड़े कांग्रेस और भाजपा से जुड़े लोग इस मामले में चुप्पी साधे बैठे है
,,,,,,,,कोटा बैराज जहां बच्चे बूढ़े और
जवान सभी अपने अपने दूर दराज़ से आये रिश्तेदारों को गर्व के साथ दिखाने ले
जाते थे और कोटा बैराज की खूबसूरती यहां की मछलियों और कबूतरों के क़िस्से
देश विदेश में मशहूर रहे है लेकिन अब कोटा बैराज के नौसिखिये प्रबंधन ने
बैराज के चारो तरफ लोहे की चारदीवारी खेंच कर इसे जनता और आम आदमी की पहुंच
से दूर कर दिया है ,,,यहां कोटा बैराज पर ना जाने कितने लोगों की यादें
,,कितने लोगों के इन्तिज़ार के क़िस्से गवाह है ,,,,,लेकिन अब इस कोटा बैराज
को आम आदमी की पहुंच से दूर कर दिया गया है बस कुछ लोग हिम्मत कर ऐंग्लों
को उंघाल कर कबूतरों को दाना डालने ,,उन्हें पाने पिलाने और मछलियों को दान
डालने के लिए कूद कर चले जाते है वरना तो आम आदमी के लिए यह बैराज बेकार
सा हो गया है ,,,एक वीराना ,,एक खंडहर जैसा उबड़ खाबड़ माहोल लोगों के लिए
परेशानी का कारण बना यह प्रबंधन लोगों को दुःख दे रहा है अफ़सोस कोटा में
कांग्रेस और भाजपा से जुड़े लोग या फिर कोई समाजसेवी संगठन पत्रकार ने इस
मामले में अब तक कोई आवाज़ नहीं उठाई हा और ऐसे बेवक़ूफ़ नाकारा कोटा की
खूबसूरती को क़ैद करने वाले कोटा बैराज को बेरौनक करने वाले अधिकारीयों के
खिलाफ कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाइ गयी है ,,,
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