नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव अप्रैल के दूसरे हफ्ते से छह या सात
चरणों में हो सकते हैं। पहले चरण की वोटिंग सात या 10 अप्रैल को हो सकती
है। चुनाव आयोग इस हफ्ते के मध्य में बुधवार या गुरुवार को चुनाव कार्यक्रम
का ऐलान कर सकता है। मौजूदा 15वीं लोकसभा का कार्यकाल एक जून को पूरा हो
रहा है। नए सदन का गठन 31 मई तक किया जाना है।
आयोग के सूत्रों के मुताबिक अभी कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
कोशिश की जा रही है कि छह चरण में मतदान पूरा करा लिया जाए। साल 2009 में
पांच चरणों में 16 अप्रैल से 13 मई के बीच मतदान कराया गया था। इस बार अगर
छह-सात चरण में मतदान हुआ तो यह देश में सबसे लंबी अवधि का चुनाव होगा। पहले चरण में नक्सल प्रभावित और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में मतदान संभव है। लोकसभा चुनाव के साथ तेलंगाना सहित आंध्रप्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। घोषणा के साथ ही सरकार और राजनीतिक दलों के लिए आचार संहिता लागू हो जाएगी।
बढ़ी खर्च सीमा
इस बार लोकसभा चुनाव में कई नई बातें होंगी। उम्मीदवार के लिए खर्च सीमा 40 से बढ़ाकर 70 लाख कर दी गई है। वहीं मतदाताओं को उम्मीदवारों के साथ ही 'उपरोक्त में से कोई नहींÓ या नोटा का विकल्प भी रहेगा। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के साथ उसका कागजी रिकॉर्ड भी रखा जाएगा।
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