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नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली. बाड़मेर से भाजपा का टिकट नहीं मिलने से नाराज पार्टी के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह ने सोमवार को बतौर निर्दलीय उम्मीदवार पर्चा भर दिया। इसके
बाद जसवंत सिंह ने जनसभा कर बीजेपी नेताओं पर जमकर भड़ास निकाला।
उन्होंने पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह और राजस्थान की मुख्यमंत्री
वसुंधरा राजे पर धोखा देने का आरोप लगाया। (जसवंत सिंह का भाषण विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।)
उधर, गुजरात में भी नरेंद्र मोदी
सरकार के एक पूर्व मंत्री ने भी बगावत कर दी है। कानजी पटेल बलसाड से टिकट
चाहते थे, लेकिन अंतिम क्षणों में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया। इससे
नाराज होकर कानजी ने बगावती तेवर दिखाए और कहा कि टिकट का सौदा किया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी ने दलबदलू लोगों को टिकट दिया है। उन्होंने
यह भी कहा कि वह अब पार्टी के लिए प्रचार नहीं करेंगे। दिए हैं। उन्होंने
पार्टी के नेताओं को सत्ता का सौदागर बता डाला। कानजी पटेल गुजरात के
वरिष्ठ आदिवासी नेता हैं। वह 48 सालों से बीजेपी से जुड़े हुए हैं।
बताया जाता है कि वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी या बगावत पार्टी की
सोची-समझी रणनीति का नतीजा है। मकसद है कि वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर
भाजपा में शक्ति का एक केंद्र स्थापित किया जाना।
राष्ट्रीय स्तर के नेताओं में जसवंत के अलावा लालकृष्ण आडवाणी,
सुषमा स्वराज, मुरली मनोहर जोशी जैसे वरिष्ठ नेता किसी न किसी रूप में
बगावती सुर उठा चुके हैं। लेकिन, इनमे से किसी की नहीं सुनी गई। पार्टी के
सूत्र बताते हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का मानना है कि
पार्टी को बगावती तेवरों के आगे झुकने की जरूरत नहीं है, ताकि आने वाले दिनों में नए नेतृत्व (नरेंद्र मोदी) के सामने से अंदरूनी लड़ाई-गुटबाजी की समस्या अपने आप खत्म हो जाए।
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