लखनऊ. आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए समाजवादी पार्टी
ओवरहालिंग में जुट गई है. ऑपरेशन क्लीन के पहले शिकार कैबिनेट मंत्री आनंद
सिंह और राज्य मंत्री मनोज पारस बने हैं. उन्होंने दोनों कद्दावर मंत्रियों
को अपनी कैबिनैट से बर्खास्त कर दिया है. मुलायाम सिंह यादव कई दिनों से
अखिलेश के बहाने पार्टी के नेताओं को चेतावनी दे रहे थे कि पार्टी के लिए
काम करो और जनता के बीच अपनी छवि सुधार कर सपा की नीतियों को बताओ.
जानकारी के मुताबिक, कैबिनेट मंत्री आनंद सिंह की कुर्सी उनके बेटे
कीर्तिवर्धन सिंह की वजह से गई है. उनका गोंडा से लोकसभा का टिकट काटकर
मुजेहना से सपा विधायक नंदिता शुक्ला को दे दिया गया है. कीर्तिवर्धन ने
भाजपा भी ज्वाइन कर लिया है. उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर आरोप
लगाया था कि मुख्यमंत्री से मिलने के लिए पांच हज़ार रूपए देने पड़ते थे तब
कहीं मुलाक़ात होती थी. यही बयान गले की फांस बन गया.
बताते चलें कि कृषि मंत्री आनंद सिंह मनकापुर से सपा विधायक हैं. वह
राजा परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके बेटे कीर्तिवर्धन सिंह कांग्रेस
सहित बसपा के हाथी पर भी सवार हो चुके हैं. गोंडा जिले में स्थित मनकापुर
आनंद सिंह का गढ़ माना जाता है. वहीं, मनोज पारस ने भी करीब डेढ़ साल तक
राज्यमंत्री बन कर सत्ता का सुख भोगा. वह स्टाम्प पंजीयन के अलावा कई विभाग
के मंत्री थे. वह यहां राज्यमंत्री के पद पर थे. जानकार बताते हैं कि मनोज
भी अपनों का ही शिकार हुए हैं. अभी कुछ दिन पहले ही उनकी भाभी ने भाजपा
में आस्था व्यक्त की थी.
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