क्यों और कहां लगाए जाते हैं
स्पीड ब्रेकर मूलत: दुर्घटना संभावित स्थलों, स्कूल, कॉलेज व अस्पतालों के बाहर और खतरनाक घुमावों पर लगाए जाते हैं, लेकिन सीधी सड़कों पर नहीं। जेडीए अधिकारियों का कहना है कि जयपुर में ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की मीटिंग में यह बे्रकर लगाने का निर्णय हुआ था। ये पुलिस व स्थानीय लोगों की मांग के अनुसार लगाए जाते हैं, लेकिन जेडीए अफसरों के पास यह स्पष्ट आंकड़ा नहीं है कि इन्हें कहां-कहां लगाया जा रहा है और अब तक कितने लग चुके हैं।
जोधपुर में क्यों हटाने पड़े
जोधपुर विकास प्राधिकरण ने करीब दो साल पहले शहर की मुख्य सड़कों पर ही नहीं बल्कि, गलियों तक में फाइबर स्पीड ब्रेेकर लगा दिए। मुख्य सड़कों पर इनका असर देखने को मिला। ट्रैफिक में हर्डल बनने लगे। जाम की स्थितियां बनने लगी। लोगों के लिए पीड़ादायक बन गए। शिकायतों के बाद हाईकोर्ट ने इस पर एतराज जताया। प्राधिकरण ने शहरभर से फाइबर स्पीड ब्रेकर या तो उखाड़ दिए या फिर डामर के नीचे दबा दिए। गौरतलब है कि प्राइवेट फर्म ने एक साल में करीब 62 लाख रु. के ब्रेकर लगाए थे, जो बाद में बेकार चले गए।
यूं समझें 20 गुना ज्यादा लागत वाले बे्रकर की गणित
डामर: 7 मीटर लंबाई
लागत : 700
गारंटी 5 साल
फाइबर: 7 मीटर लंबाई
लागत : 14000
फायदा: पीड़ादायक नहीं, चोरी होने या टूटने का खतरा नहीं। दुर्घटना की आशंका कम।
गारंटी कोई नही
नुकसान : रीढ़ की हड्डी में दर्द, चोरी का खतरा, हादसे का डर।
भारतीय रोड कांग्रेस के अनुसार हो स्लोप
इस स्पीड बे्रकर में इतना स्लोप होना चाहिए जिससे पीठ या रीड की हड्डी के लिए कतई खतरनाक नहीं हो, जिससे किसी तरह की दुर्घटना की संभावना नहीं हरे। पांच मीटर चौड़े एवं एक मीटर लंबे स्पीड ब्रेकर की लागत 33 रुपए आती है। जबकि पौन फीट चौड़े और एक मीटर लंबे फाइबर स्पीड ब्रेकर की लागत दो हजार रुपए आती है।
हमारे पास आंकड़ें नहीं
॥जयपुर में जेडीए के 19 जोन हैं। एक्सईएन स्तर के अधिकारी यह काम देख रहे हैं। किस इलाके में कितने फाइबर स्पीड ब्रेकर लगाए गए हैं, इनकी मॉनिटरिंग वहीं करते हैं। हमारे पास कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं हैं। पुलिस व स्थानीय लोगों की मांग पर यह लगाए जाते हैं।
-एन.सी.माथुर, निदेशक अभियांत्रिकी, जेडीए
तेजी से न निकलें ब्रेकर से
॥स्पीड से निकलने से युवाओं में पीठ दर्द अथवा रीड की हड्डी में दर्द की शिकायत हो सकती है। बुजुर्गों में तो हड्डी पिचकने तक का खतरा रहता है। ऐसे स्पीड बे्रकर से तेजी से निकलने से बचना चाहिए।
-डॉ. डी.एस.मीणा, हड्डी रोग विशेषज्ञ, एसएमएस, जयपुर।
॥जोधपुर में ऐसे स्पीड बे्रकर हटाए गए थे, इस बारे में पता नहीं है। यदि मापदंड पर खरे नहीं है और लोगों को तकलीफ है तो विचार किया जाएगा।
-वीएस सुंडा, एडि.चीफ इंजीनियर
॥जोधपुर में हाईकोर्ट के निर्देश पर फाइबर स्पीड ब्रेकर हटाए थे। कोर्ट यह माना था कि ये बे्रकर इंडियन रोड कांग्रेस के नियमानुसार सही नहीं है। इससे लोगों को पीड़ा हो रही थी। हमने इन्हें हटवा दिए थे।
-राजेन्द्र सोलंकी, तत्कालीन चेयरमैन, जोधपुर विकास प्राधिकरण, जोधपुर।
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