आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

14 मार्च 2014

निश्चित तोर पर ऐसा कडा क़ानून बने के मिडिया की गंगा की सफाई हो जाए और मिडिया की गंगा पवित्र होकर फिर से गंगोत्री बन जाए ताके हमारे देश को फिर से निष्पक्ष ,,निर्भीक चौकीदार मिडिया के रूप में मिल सके ,,,,,,,,,,,,ऐसा में अकेला नहीं ,,केजरीवाल नही देश और देश में मीडिया से जुड़े इन हालातों में कसमसा रहे मीडियाकर्मी भी चाहते है ,

रोज़ करते थे यूँ झूंठे दिखावे की तारीफ़ ,,,आज सच कहा तो  बुरा मान गए ,,,,,,,,,,,जी हाँ दोस्तों में बात कर रहा हूँ  अरविन्द केजरीवाल की जिसने भ्रष्टाचार की गुलामी के इस दौर में विपरीत दिशा में बहने का साहस क्या ,,,,,,,जनता को एक राह दिखाई ,सपने दिखाए बस फिर क्या था देश उसका दुश्मन हो गया ,उसके  षड्यंत्र की प्रयोगशालाएं खुल गयी ,,क्या जनता क्या देश ,क्या राजनितिक दल सभी इस शख्स के वुजूद को ललकारते हुए खत्म करने की कोशिश में जुट गए ,,,मिडिया खरीदा गया  पहले खबरे आयी इसी मिडिया ने खबरे दी कोंग्रेस और भाजपा ने मोदी और राहुल के प्रोजेक्शन के लिए पांच सो और चार सो करोड़ रूपये का बजट रखा है ,पेड़ न्यूज़े शुरू  होने लगी ,,,,,,यक़ीन मानिये ट्रेडल ,,कम्पोज़  के युग से लेकर आज आधुनिक युग की इलेक्ट्रॉनिक ,,,ऑफसेट ,,रंगीन ऑफसेट और फिर सोशल मिडिया पत्रकारिता का मुझे इस विधा से लगातार जुड़ाव होने के कारन खुसूसी अनुभव है ,,अच्छे लोग सब जगह होते है लेकिन यह कहने में मुझे शर्म नहीं के इस क्षेत्र में लोग इसे पेट पालने के ज़रिये के अलावा पत्रकारिता को सियासी गुलामी ,कॉर्पोरेट सेकटर की विज्ञापन एजेंसी के रूप में बनाने लगे है ,मर्दानगी का तेल ,,और दवाये नुस्खे इस तरह से बेचे जाते है मानो पूरा देश ना मर्द हो गया हो ,,,क़ानून है के इस तरह के विज्ञापन छापना अपराध है ,क़ानून है के किसी भी अख़बार में साठ फीसदी सामग्री पठनीय होगी अधिकतम चालीस प्रतिशत से अधिक विज्ञापन नहीं हो सकते ,लेकिन आप सभी देखते हो के  फ्रंट पेज पर विज्ञापन होते है ,चुनाव की और कॉर्पोरेट सेकटर की विज्ञापन की पेड़ खबरे होती है ,,,,,,,अजीब बात है टी वी पर चेनल्स क्या कर रहे है क्या दिखा रहे है बहस किस तरह से होती है उसमे किन लोगों को बिठाया जाता है सभी जानते है एक तरफ रजत शर्मा बाबा रामदेव से बात करते है और दूसरी तरफ उसी कार्यक्रम के  प्रायोजक खुद बाबा रामदेव के प्रोडक्ट पंतजली पीठ होती है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आज केजरीवाल के खिलाफ एक योजना बना कर सिर्फ और सिर्फ उनकी छवि बिगाड़ने के लिए मिडिया के कुछ लोग पीछा कर रहे है तो जनाब यह सब मुफ्त में नहीं हो रहा है ,,,,,नरेंदर मोदी को गुजरात में ललकारने के बाद यह सब  तेज़ी से हुआ है ,,देश दूध पीता बच्चा नहीं देश सब जानता है ,,,,,,,,,,,,,,दोस्तों केजरीवाल ने कहा के मिडिया सही खबरें नहीं दे रहा है में  अगर सत्ता में आया तो ऐसे लोगों को जेल में डालूंगा ,,,,,क्या गलत कहा मिडिया को तो इसका स्वागत करना चाहिए क्योंकि इस मिडिया क्षेत्र में डकेत आ गए है गरीबों का हक़ मार रहे है ,, ग्रुप के डाइरेक्टर कोन है पर्दे के पीछे मददगार कोन है सब जानते है ,,,,,मिडिया आज व्यापार में है मिशन में नहीं इसलिए कोई मेले लगता है ,कोई स्टाल लगाता है ,कोई कार्यशालाएं करवाता है तो कोई नमक तेल बेचता है तो कोई फाइनेंस का काम करता है अजीब मिडिया है क़ानून है के पूर्ण आजीविका पत्रकारिता पर ही निर्भर हो तब प्रकाशन होगा लेकिन सिर्फ और सिर्फ सियासत और विज्ञापन के लियें मिडिया गिरी हो रही है ,हम खुद अपने गिरेहबान में झाँक कर देखे मेने खूब नज़दीक से प्रेसकॉन्फ्रेंस के नज़रिये उनेक खर्चे उनके खाने उनकी गिफ्ट संस्कृती देखी है ,,,,,,,,,,होली दीपावली नेता किस तरह से गिफ्ट बाटते है ,,उद्द्योग किस तरह से पुरस्कृत करते है सरकार केसे सुविधाएं देती है सभी जानते है ,,,,,,,,चुनाव आये नहीं के बस नेता लोग खरीद फरोख्त की सियासत शुरू कर देते है आज कोई शख्स अगर बढ़ा पुरस्कार लेता है तो उसकी खबर नहीं छपती कहा जाता है विज्ञापन दीजिये ,, ऐसे में केजरीवाल अगर ऐसी निति बनाकर जिसमे मिडिया को बदनाम करने की साज़िश  रच कर सच को गलत दिखाने और किसी की योजनाबद्ध तरीक़े से छवि बिगाड़ने का माफियागिरी का काम हो तो ऐसे लोगों को अगर जेल भेजने की बात है तो कहा गलत है आज देश का हर आदमी जितना सियासत की बेईमानी से आहत है उतना ही नहीं बल्कि उससे ज़यादा मिडिया की बेईमानी और पक्षपात से आहत है ,,वोह तो खुदा का शुक्र है के गिनती के लोग मीडियाग्रुप में है जिनकी वजह से सच ज़िंदा है और दुनिया सच देख रही है  वरना कई खबरों को हमने बहुत बढ़ी खबर होने के बाद भी जड़ से गायब होते हुए देखा है ,,,,मिडिया अगर सही होता तो देश की सियासत ,,देश की नौकरशाही ,,,देश का कॉर्पोरेट सेकटर ,देश कि बेंकिंग ,,देश की महंगाई ,,,देश में अराजकता का यह हाल नहीं होता बस देश का चौकीदार अगर सही काम करे तो यक़ीनन राज की स्थिति होगी लेकिन जब चौकीदार ही चोरों से मिल जाए तो फिर देश की यह अराजकता जो हम देख रहे है उस चौकीदार की ज़िम्मेदारी है और ऐसे चोर चौकीदार जो माफियाओं से मिलीभगत कर देश को बिगाड़ रहे है उनको तो सज़ा मिलने का क़ानून होना ही चाहिए ,,,,,,,,,,,,,,,यह अकेले केजरीवाल की आवाज़ नहीं देश की आवाज़ है और मीडिया में बेठे लोग सच को मानते भी है और जानते भी है लेकिन कॉर्पोरेट दबाव ,,सियासी दबाव और मालिकों के दबाव के आगे वोह अपने रोज़गार की वजह से खामोश रहते है ,,और कहते है के क्या करे हमारे मालिकों का ऐसा ही निर्देश है ,,,दोस्तों यक़ीन मानिये अगर पिछले दो सालों से चल रही देश में मिडिया की कारगुज़ारियों ,,,,विज्ञापन ,,खबरों ,,,साक्षात्कारों की निष्पक्ष जांच हो जाए तो निश्चित तोर पर खरबों रूपये की मिडिया बिक्री का भंडाफोड़ निकलेगा और सच को गलत और गलत को सच दिखाने की पोल भी खुलेगी ,,,,आप बताइये चुनाव सर्वेक्षण में भ्रष्टाचार खुले आम दिखाया गया है ,,,,अगर एक चुनाव सर्वे किसी कुछ निर्धारित सीटे बताता  है और अगर चुनाव परिणाम में सीटों की हार जीत में काफी फ़र्क़ आता है तो ऐसी फ़र्ज़ी सर्वे के दावेदार मीडिया ग्रुप को क्या जेल में नहीं होना चाहिए ,,अरे आम आदमी के लिए गुमराह करना ,झूंठ बोलना ,अफवाह फैलाना ,किसी का मान मर्दन करना ,,,,,,अश्लीलता दिखाना ,,,,नशीली चीज़ों ,,,सेक्स की दवाये विज्ञापित करना अपराध है तो यह तो मिडिया है अगर यह ऐसा करता है तो इसे तो जेल में होना ही चाहिए और निश्चित तोर पर ऐसा  कडा क़ानून बने के मिडिया की गंगा की सफाई हो जाए और मिडिया की गंगा पवित्र होकर फिर से गंगोत्री बन जाए ताके हमारे देश को फिर से निष्पक्ष ,,निर्भीक चौकीदार मिडिया के रूप में मिल सके ,,,,,,,,,,,,ऐसा में अकेला नहीं ,,केजरीवाल नही देश और देश में मीडिया से जुड़े इन हालातों में कसमसा रहे मीडियाकर्मी भी चाहते है ,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...