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17 फ़रवरी 2014

संसद में मिर्च नहीं, वह केमिकल किया था स्‍प्रे जिसका इस्‍तेमाल युद्ध में भी है बैन

नई दिल्ली. तेलंगाना के विरोध में संसद में मिर्च स्प्रे और चाकू दिखाए जाने की घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। वोट ऑन अकाउंट पेश करने से पहले सांसदों को कड़ी सुरक्षा के बीच सदन में प्रवेश दिया गया। साथ ही करीब दो सौ सुरक्षाकर्मियों को गैलरी में तैनात किया गया था। दूसरी ओर 'मिर्च स्प्रे' करने वाले सांसद ने यह कहकर सनसनी फैला दी है कि स्प्रे किया गया पदार्थ मिर्च नहीं था, बल्कि केमिकल था जिसका इस्‍तेमाल युद्ध में भी बैन है। 
 
लोकसभा में आंध्र प्रदेश के एमपी एल राजगोपाल लोकसभा में एक केमिकल स्प्रे किया था। यह केमिकल युद्ध में भी प्रतिबंधित है। इसी केमिकल के कारण सांसदों की आंखों से आंसू आने लगे थे और सदन में उपस्थित सदस्यों का चेहरा लाल हो गया था।
 
क्या है यह केमिकल 
यह केमिकल केप्सिकम या चिली जैसे फ्रूट से तैयार किया जाता है और इसे केप्साइसिन कहा जाता है। दिल्ली गैंग रेप की घटना के बाद इसकी बिक्री में तेजी आई है। यह 50 से 100 एमएल में आता है। इस केमिकल को केमिकल वीपन्स कन्वेंशन के तहत युद्ध में प्रतिबंधित कर दिया गया है। यहीं नहीं, दंगा-निरोधक बलों को भी इसके इस्तेमाल की अनुमति नहीं है। 
 
क्या है इस केमिकल का असर
जब इस केमिकल को किसी के चेहरे पर स्प्रे किया जाता है तो उसकी आंखें तुरंत बंद हो जाती है, सांस लेने में परेशानी होने लगती है, नाक बहने लगता है और कफ की शिकायत होने लगती है। केप्सिकम घुलनशील नहीं है, इसके कारण आंखों को धोने से कोई लाभ नहीं मिलता है। एक-दो घंटे के बाद अपने आप व्यक्ति इससे आराम महसूस करने लगता है, और यह व्यक्ति के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।
 
इस केमिकल के स्प्रे से जलने के जैसा अनुभव होता है। चेन्नई के वरिष्ठ ईएनटी सर्जन ने कहा,  “जिन्हें अस्थमा या एलर्जिक की समस्या है, ऐसे लोगों के स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है।”
 
यूरोपियन पार्लियामेंट साइंटिफिक एंड टेक्नोलॉजिक ऑप्शन एस्सेमेंट में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, इस केमिकल के प्रभाव से 15 से 30 मिनट तकके लिए अंधापन भी हो सकता है और शरीर के ऊपरी हिस्सा में 3 से 15 मिनट तक ऐंठन हो सकती है।
 
भारत में मान्य है इसका निर्माण
हालांकि, यह कई देशों में प्रतिबंधित है लेकिन भारत में इसका पेपर स्प्रे का निर्माण कानूनी तौर पर मान्य है और इसके लिए किसी तरह के लाइसेंस या डॉक्यूमेंटेशन की जरूरत नहीं है। हां, इसके निर्माण के लिए सरकारी लाइसेंस की जरूरत होती है। इस केमिकल के एक कनस्तर की कीमत 150 रुपए से 1000 रुपए तक है।

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