नई दिल्ली. लेखानुदान (वोट ऑन अकाउंट) पर लोकसभा में भाषण देते हुए सोमवार को वित्त मंत्री पी. चिदंरबम ने बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी
को करारा जवाब देने की कोशिश की। चिदंबरम ने मोदी की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी
को लेकर की गई टिप्पणी का जवाब सोमवार को दिया। सोमवार को चिदंरबम ने कहा,
'मेरी मां और हार्वर्ड ने मुझे कड़ी मेहनत की अहमियत समझाई है।'
विकास के लिए हमें हार्वर्ड चाहिए या हार्ड वर्क?
चिदंबरम के जवाब को चेन्नई में मोदी के भाषण से जोड़कर देखा जा रहा
है। मोदी ने तब कहा था, 'वित्त मंत्री हार्वर्ड से हैं। प्रधानमंत्री भी
अर्थशास्त्री हैं और उनके पास भी एक बड़ी यूनिवर्सिटी की डिग्री है। मेरे
पास कड़ी मेहनत है। हार्वर्ड जाकर पढ़ना बड़ी बात नहीं है। अहमियत सिर्फ
कड़ी मेहनत की है...कोई शख्स (अपनी तरफ इशारा करते हुए) जो साधारण स्कूल
में पढ़ा और चाय बेची और हार्वर्ड का गेट तक न देखा हो, उसने आपको यह दिखा
दिया कि अर्थव्यवस्था कैसे चलानी चाहिए। ये रीकाउंटिंग मिनिस्टर (वित्त
मंत्री की तरफ इशारा करते हुए जिनके 2009 के चुनाव जीतने पर सवाल खड़े हुए
थे और मतों की गणना की फिर से मांग हुई थी) का अहंकार छत पर चढ़कर बोल रहा
है। वे मेरे खिलाफ गंदी भाषा का प्रयोग काफी समय से कर रहे हैं। आइए, देखते
हैं कि कौन इस देश का भाग्य बदलेगा-हार्वर्ड या हार्ड वर्क (कठिन
परिश्रम)? मैं चुप हूं क्योंकि जितना आप कीचड़ फेंकोगे, कमल उतना ही खिलता
जाएगा। देश के विकास के लिए हमें हार्वर्ड चाहिए या हार्ड वर्क?'
मोदी ने ऐसा क्यों कहा था
दरअसल, बीबीसी को दिए गए एक इंटरव्यू में चिदंबरम ने मोदी के
अर्थशास्त्र की समझ पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि मोदी अर्थशास्त्र के
बारे में जितना भी जानते हैं, उतना डाक टिकट के पीछे लिखा जा सकता है।
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