औरंगाबाद. भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की 'पत्नी' यशोदाबेन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था, उन्होंने (मोदी ने) मुझे अपनी जिंदगी से अलग कर दिया।' लेकिन,
मोदी के भाई प्रह्लाद का कहना है कि यह फैसला उनकी भाभी का था। इस बारे
में पूछे जाने पर गुजरात के मुख्यमंत्री के भाई प्रह्लाद कहते हैं कि यह
मोदी का व्यक्तिगत मामला है। मोदी को पितातुल्य मानने वाले प्रह्लाद का
कहना है कि बेटा अपने पिता से यह सवाल कैसे करे कि उन्होंने मां को क्यों
छोड़ दिया? निजी कार्यक्रम में हिस्सा लेने महाराष्ट्र के औरंगाबाद आए
प्रह्लाद ने दिव्य मराठी को दिए इंटरव्यू में मोदी से जुड़े कई सवालों के
जवाब दिए।
नरेंद्र मोदी की शादी हो गई थी। बाद में उन्होंने पत्नी को छोड़ दिया। इसका आपको बुरा नहीं लगा?
शादी उनका व्यक्तिगत मामला है। कई साल पहले उन्होंने यह फैसला लिया था। इस बारे में मैंने कभी न तो उनसे कोई चर्चा की, न ही उनकी पत्नी से संपर्क किया।
कभी ऐसा नहीं लगा कि अपनी भाभी का आपको हालचाल पूछना चाहिए?
नहीं। क्योंकि अलग होने का फैसला उनका था। उसके बाद उनसे बात करने का सवाल ही नहीं उठा।
मोदी द्वारा इस तरह से पत्नी को छोड़ देना क्या सही है?
मैंने जैसा पहले बताया कि यह उनका व्यक्तिगत मामला है। बेटा अपने पिता से यह कैसे पूछे कि मां को क्यों छोड़ दिया।
नरेंद्र मोदी पर गोधराकांड के बाद दंगा भड़काने के आरोप हैं। आप क्या कहेंगे?
मोदी के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने के बाद चर्चा का रुख और भी गहरा हो गया है। सुप्रीम कोर्ट जब तक किसी व्यक्ति को अपराधी नहीं मानता तब तक वह व्यक्ति राष्ट्रपति पद का चुनाव भी लड़ सकता है। हम पांच भाई हैं। हममें से किसी को भी हमारे माता-पिता ने हिंसावादी संस्कार नहीं दिए। मैं निश्चयपूर्वक कह सकता हूं कि गुजरात दंगों में नरेंद्रभाई का हाथ नहीं था।
फिर किसका हाथ था? कोई तो इसके पीछे होगा?
इसका जवाब चाहिए तो इन सवालों का जवाब तलाशना जरूरी है कि गोधरा में ट्रेन किसने जलाई? कारसेवकों को किसने जिंदा जलाया? मैं मोदी विरोधियों से कहता हूं कि ये जवाब तलाशने के बाद ही नरेंद्रभाई पर दंगों के आरोप लगाएं।
फिर भी वह दंगा किसी ना किसी के कहने से ही हुआ होगा ना?
वह सब अपने आप होता गया। कारसेवकों की लाशें गोधरा से अहमदाबाद लाई गईं। उन्हें देख लोग आक्रामक हो गए। कोई किसी को चांटा जड़े तो उसकी रिएक्शन होनी ही है।
नरेंद्र मोदी की शादी हो गई थी। बाद में उन्होंने पत्नी को छोड़ दिया। इसका आपको बुरा नहीं लगा?
शादी उनका व्यक्तिगत मामला है। कई साल पहले उन्होंने यह फैसला लिया था। इस बारे में मैंने कभी न तो उनसे कोई चर्चा की, न ही उनकी पत्नी से संपर्क किया।
कभी ऐसा नहीं लगा कि अपनी भाभी का आपको हालचाल पूछना चाहिए?
नहीं। क्योंकि अलग होने का फैसला उनका था। उसके बाद उनसे बात करने का सवाल ही नहीं उठा।
मोदी द्वारा इस तरह से पत्नी को छोड़ देना क्या सही है?
मैंने जैसा पहले बताया कि यह उनका व्यक्तिगत मामला है। बेटा अपने पिता से यह कैसे पूछे कि मां को क्यों छोड़ दिया।
नरेंद्र मोदी पर गोधराकांड के बाद दंगा भड़काने के आरोप हैं। आप क्या कहेंगे?
मोदी के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने के बाद चर्चा का रुख और भी गहरा हो गया है। सुप्रीम कोर्ट जब तक किसी व्यक्ति को अपराधी नहीं मानता तब तक वह व्यक्ति राष्ट्रपति पद का चुनाव भी लड़ सकता है। हम पांच भाई हैं। हममें से किसी को भी हमारे माता-पिता ने हिंसावादी संस्कार नहीं दिए। मैं निश्चयपूर्वक कह सकता हूं कि गुजरात दंगों में नरेंद्रभाई का हाथ नहीं था।
फिर किसका हाथ था? कोई तो इसके पीछे होगा?
इसका जवाब चाहिए तो इन सवालों का जवाब तलाशना जरूरी है कि गोधरा में ट्रेन किसने जलाई? कारसेवकों को किसने जिंदा जलाया? मैं मोदी विरोधियों से कहता हूं कि ये जवाब तलाशने के बाद ही नरेंद्रभाई पर दंगों के आरोप लगाएं।
फिर भी वह दंगा किसी ना किसी के कहने से ही हुआ होगा ना?
वह सब अपने आप होता गया। कारसेवकों की लाशें गोधरा से अहमदाबाद लाई गईं। उन्हें देख लोग आक्रामक हो गए। कोई किसी को चांटा जड़े तो उसकी रिएक्शन होनी ही है।
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