चंडीगढ़. पंजाब के दिव्य ज्योति संस्थान, नूरमहल के संस्थापक
आशुतोष महाराज को डॉक्टरों के बाद पंजाब सरकार ने भी 'क्लिनिकली डेड' बता
दिया है। लेकिन, उनके भक्त अभी भी उन्हें जिंदा मान रहे हैं और बता रहे
हैं कि बाबा समाधि में हैं। अब इस मामले में कोर्ट के निर्देश का इंतजार
है। उनका शरीर अभी भी शून्य डिग्री तापमान में रखा हुआ है।
क्या है स्थिति
आशुतोष महाराज 27 जनवरी से इस अवस्था में हैं कि न
नब्ज है न धड़कन। डॉक्टर उन्हें ‘क्लिनिकली डेड’ घोषित कर चुके हैं,
लेकिन भक्तों के लिए बाबा ‘गहन समाधि’ में हैं। उनकी देह फ्रीजर में है।
मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। पंजाब सरकार ने बुधवार
को इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट पेश की। इसमें बताया गया कि आशुतोष महाराज
‘क्लिनिकली डेड’ हैं।
क्या है दलील
महाराज की शिष्या जया भारती ने कहा कि बाबा पहले भी कई बार समाधि में
जा चुके हैं और इस बार भी समाधि में ही हैं। यह पूछने पर कि वह कब तक
समाधि से बाहर आएंगे, उन्होंने कहा कि यह फैसला केवल महाराज का होगा।
उन्होंने बताया कि पहले भी वह कभी दो दिन, कभी पांच दिन के लिए समाधि में
जा चुके हैं। भारती के मुताबिक महाराज कभी भी इस बारे में कुछ बताते नहीं
थे और इस बार भी बिना कुछ बताए समाधि में चले गए हैं। जिस दिन वह समाधि से
बाहर होंगे, उस दिन पूरे विश्व को पता चल जाएगा।
क्या है ट्विस्ट
लेकिन, केस में एक ट्विस्ट और है। खुद को आशुतोष महाराज का पुराना
ड्राइवर बताने वाला पूर्ण सिंह भी हाईकोर्ट पहुंच गया है। उसका दावा है कि
संपत्ति ट्रांसफर करने व गद्दी बदलने के लिए आश्रम ने आशुतोष महाराज को
बंधक बनाकर रखा है। कोर्ट ने आश्रम को नोटिस भेज 11 फरवरी तक जवाब मांगा
है।
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