जोधपुर. 'मेरी मां बरसों से आसाराम के आश्रम जाती रही हैं। आसाराम व उसके चेलों ने दूसरी महिलाओ व युवतियों की तरह मेरी मां का भी दिमाग अपने वश में कर रखा है, जिसके चलते वे हमेशा उनका ही गुणगान करती हैं। अपनी मां की आसाराम के प्रति अंधभक्ति से परेशान होकर मुझे कोलकाता से अपना साड़ी का व्यवसाय बंद कर जोधपुर आना पड़ा।' यह कहना है पावटा क्षेत्र निवासी उस महिला माणक देवी के पुत्र का, जिसने सोमवार को आसाराम की पेशी से पहले कोर्ट परिसर पहुंच कर अपने आप को आसाराम की 'आध्यात्मिक पत्नी' बताया।
भास्कर इस महिला का सच जानने के लिए उसके घर पहुंचा तो सामने आया कि माणक देवी का भरा-पूरा परिवार है। बातचीत में माणक देवी के पति व पुत्र ने चौंकाने वाली और भी कई बातें बताई। यह भी बताया कि नाबालिग छात्रा के यौन शोषण मामले में हाल में जमानत पर छूटे आसाराम के सेवादार शिवा ने कोर्ट परिसर की घटना के बाद उनसे मुलाकात की और माणक देवी को ऐसे बयान देने से रोकने को कहा।
पुलिस में शिकायत करने की बात पर घर में अशांति फैला देती थी माणक देवी
माणक देवी के पिता-पुत्र से ये सारी जानकारी मिलने पर पूछा कि जब इतना कुछ हुआ तो उन्होंने पुलिस में शिकायत क्यों नहीं दर्ज करवाई? इस पर उनका कहना था कि पुलिस में शिकायत करने की बात पर माणक देवी घर में अशांति फैला देती थीं।
कोर्ट में बोली पांच साल पहले हुई थी आसाराम से शादी
सेशन न्यायालय (जोधपुर जिला) में सोमवार को आसाराम की पेशी से पहले
अदालत के बाहर एक महिला खुद को आसाराम की 'आध्यात्मिक पत्नी' बताते हुए आ
धमकी। महिला माणक देवी ने कहा कि उनका आसाराम के साथ पांच साल पहले लाडनूं
में विवाह हुआ था। दोनों ने एक-दूसरे के गले में वरमाला डाली थी। आयोजन पर
तीस लाख रुपए खर्च हुए थे। इसके कुछ देर बाद ही पेशी पर लाए गए आसाराम को
कोर्ट परिसर में उपस्थित मीडिया कर्मियों ने बताया कि उनकी 'आध्यात्मिक
पत्नी' आई हैं, तो आसाराम ने देखे बिना ही कहा कि कोई पागल महिला होगी।
आसाराम की इजाजत मिलती तो ही घर ला पाते थे मां को
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