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15 फ़रवरी 2014

ममता का मोदी पर निशाना, कहा- चाय के अड्डों पर बैठने में नहीं यकीन



दुर्गापुर. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने मोदी की 'चाय पे चर्चा' को लेकर कहा कि उनकी पार्टी चुनाव से ठीक पहले  चाय की दुकान पर बैठने में भरोसा नहीं करती है।
 
पार्टी कार्यकर्ताओं की सभा को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, 'बीजेपी की तरह हम चुनाव से ठीक से पहले चाय के अड्डों पर बैठने में भरोसा नहीं करते हैं। बीजेपी चाय पिलाकर वोट मांग रही है।' ममता ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों में उनकी लड़ाई कांग्रेस, बीजेपी और सीपीआई (एम) के खिलाफ है। 
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि हमें भूलना नहीं चाहिए कि तृणमूल कांग्रेस का जन्म कांग्रेस के खराब शासन के कारण हुआ है। 
 
दिल्ली पर निगाहें
ममता ने कहा कि उनकी पार्टी बीजेपी की तरह नहीं है, हम हमेशा से ही लोगों के करीब रहे हैं। ममता ने कहा कि वह कंक्रीट के जंगल (बड़े भवनों) में बैठने के बजाय सड़कों पर लोगों के बीच बैठना पसंद करेंगे। 
इशारों में ही ममता ने दिल्ली विजय की चाहत जताते हुए कहा कि वह चाहती है कि उनकी पार्टी नेशनल लेवल पर पहुंचे ताकि हम देश में बंगाल का गौरव दोबारा स्थापित कर सकें। 
 
क्या है इसके राजनीतिक मायने 
ममता बनर्जी लोकसभा चुनाव से पहले मोदी के धड़े में शामिल नहीं हो सकती है। पश्चिम बंगाल में कुल मतदाताओं में मुसलमानों की हिस्सेदारी 30 फीसदी है। ममता को यदि राज्य की ज्यादातर लोकसभा सीटों पर कब्जा जमाना है तो उन्हें  मुस्लिम वोटों को अपने पक्ष में करना ही होगा। 
जहां तक बीजेपी का सवाल है तो पार्टी की पश्चिम बंगाल के खाते से केवल एक लोकसभा सीट है, लिहाजा वह जानती है। पश्चिम बंगाल में कुल 42 लोकसभा सीट हैं जिनमें ममता की पार्टी के पास अभी 19 हैं। लिहाजा बीजेपी ममता के बिना पश्चिम बंगाल में कुछ नहीं कर सकती है।
लिहाजा ममता का मोदी पर संतुलित हमला करना उसकी तय चुनावी रणनीति हो सकता है। 
 
ममता के लेकर नरम हैं मोदी 
ममता बनर्जी भले ही मोदी को लेकर हमलावर हो गई हों लेकिन मोदी उनके साथ किसी तरह की तकरार के मूड में नहीं है। हाल में में मोदी ने कोलकाता में चुनावी रैली को संबोधित किया था लेकिन वहां भी उन्होंने ममता बनर्जी पर हमला करने की जहमत नहीं उठाई। 
दरअसल, पश्चिम बंगाल में बीजेपी की स्थिति लगभग शून्य है। लिहाजा मोदी चुनाव के बाद तृणमूल से गठबंधन के विकल्प खुला रखना चाहते हैं।

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