आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

28 फ़रवरी 2014

1857 में जिंदा दफन कर दिए गए थे कुएं में, 157 साल बाद निकालीं अस्थियां

अजनाला/अमृतसर. 31 जुलाई, 1857 और आज 28 फरवरी 2014 का दिन। यानी सात महीने और 157 साल का लंबा वक्त। इस दौरान देश आजाद हुआ, कई सरकारें आई और गई, हमने तरक्की के कई नए आयाम स्थापित किए, मगर उन 282 शहीदों के शव अजनाला के कुएं में दफ्न पड़े रहे, जिन्होंने मेरठ छावनी में मंगल पांडे की बगावत के बाद लाहौर में आजादी की जंग का परचम बुलंद किया था।
 
आज उन्हीं की अस्थियों को निकालने के लिए कुएं की खुदाई का काम शुरू किया गया। न कोई सरकारी अमला और न ही शहीदों के नाम पर दंभ भरने वाले लोग, बस कुछ भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रो. लक्ष्मीकांता चावला, धार्मिक लोग और स्कूली बच्चों ने इस काम को तवज्जो दी।
 
सुबह 11 बजे शुरू किया गया खुदाई का काम
 
गुरुद्वारा शहीद गंज शहीदां वाला खूह कमेटी के प्रधान अमरजीत सिंह सरकारिया और उनकी टीम की मदद से खुदाई का काम सुबह 11 बजे शुरू किया गया और शाम पांच बजे तक चला। इस दौरान एक दर्जन के करीब शहीदों की अस्थियां निकाली गईं। गौर है कि जिस कुएं में इन शहीदों को दफ्न किया गया था उसे कालेयांवाला खूह (काले लोगों का कुआं) के नाम से जाना जाता रहा है और इस जगह पर गुरुद्वारा बना हुआ था।
 
पिछले सालों में इतिहासकार सुरेंद्र कोछड़ ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया फिर इस जगह का नाम बदला गया और गुरुद्वारा साहिब को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया। इतिहासकारों के मुताबिक लाहौर में बगावत करने के बाद 500 सैनिक भाग निकले और यहां अजनाला में सूचना के आधार पर ब्रिटिश फौज ने उनको घेर लिया। रावी दरिया के पास इसमें से 218 क्रांतिकारियों को गोलियों से भून दिया गया।
 
अवध क्षेत्र के थे क्रांतिकारी
 
282 को अमृतसर के डीसी फ्रेडरिक हेनरी कूपर कैद करके अजनाला लाया और उनको जिंदा कुएं में दफ्न करवा दिया। कोछड़ का कहना है कि यह क्रांतिकारी पंजाब के नहीं थे और इनके परिजन के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है, इस कारण यह उपेक्षित रहे।
 
भुपिंदर सिंह संधू का कहना है कि यह लोग अवध क्षेत्र (लखनऊ के आसपास का इलाका) के थे। आज 11.50 फिट नीचे तक कुएं की खुदाई की गई। सुबह खुदाई फिर होगी। सरकारिया ने बताया कि इन अस्थियों का संस्कार करके राख गोइंदवाल साहिब और हरिद्वार में प्रवाहित की जाएगी।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...