नई दिल्ली. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
के धरने को खत्म कराने के लिए गृह मंत्रालय की ओर से की गई जल्दबाजी पर
नाराजगी जताई है। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के हवाले से खबर है कि
केजरीवाल का धरना खत्म कराने के लिए हो रहे प्रयासों और अंतिम फैसले के
बारे में सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी तक को
सूचना नहीं दी गई थी। राहुल की सबसे ज्यादा नाराजगी इस बात से है कि आखिर
धरने को खत्म करने की इतनी जल्दी क्या थी। उनका तर्क है कि जब आम आदमी
पार्टी को लोगों का समर्थन नहीं मिल रहा था।
'आप' अपने ही बुने जाल में फंस गई थी, ऐसे में उसे धरने पर बैठे रहने देना चाहिए था। दूसरी ओर गृहमंत्री सुशील कुमार
शिंदे ने सफाई दी है कि मामले में उपराज्यपाल नजीब जंग और 'आप' नेताओं के
बीच फैसला हुआ था, जो कि उन्हें स्वीकार करना पड़ा था। शिंदे की सफाई से
राहुल संतुष्ट नहीं हुए हैं, उनका कहना है था कि फैसला लेने से पहले
वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा क्यों नहीं की गई। गौरतलब है कि केजरीवाल ने
दो पुलिस अधिकारियों को छुट्टी पर भेजे जाने के आश्वासन के बाद धरना खत्म
करने का एलान किया था। उन्होंने अधिकारियों को छुट्टी पर भेजे जाने को
अपनी आंशिक जीत बताया था।
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