मंत्रियों के आवासों की हालत तो यह है कि एक-एक मंत्री दो सौ से पांच सौ करोड़ की कीमत के बंगले में रहता है। राज्य का हर मंत्री जहां हर महीने कम से कम साढ़े 12 लाख रुपए अपने ऊपर नकद खर्च करता है, वहीं मुख्यमंत्री का यह खर्च कम से कम 20 लाख रुपए होता है।
वेतन-भत्तों को छोड़ दें तो हर मंत्री को सालाना 4000 लीटर पेट्रोल, 60 हजार यूनिट बिजली और 50 लाख लीटर पानी मुफ्त मिलता है। मुख्यमंत्री को करीब 60 हजार यूनिट बिजली और 90 लाख लीटर पानी फ्री मुहैया करवाया जाता है।
मुख्यमंत्री और मंत्रियों को सिविल लाइंस और दूसरी जगहों पर जो आलीशान
बंगले आवंटित हुए हैं, उनका किराया ही बाजार दर से आंका जाए तो यह चार से
पांच लाख रुपए से किसी भी तरह कम नहीं है। मुख्यमंत्री और मंत्रियों को
लंबा चौड़ा सरकारी फौजफाटा भी उपलब्ध करवाया जाता है। इनके मकानों, गाडिय़ों
और टेलीफोन सहित विभिन्न तरह के भत्तों का सारा खर्च राज्य सरकार से ही
दिलाया जाता है।
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