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28 दिसंबर 2013

सीएम के नहीं पहुंचने से खफा हुए कहा- कैसे चलेगी यह सरकार


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सीएम के नहीं पहुंचने से खफा हुए कहा- कैसे चलेगी यह सरकार
जयपुर. जगद्गुरु रामानंदाचार्य संस्कृत यूनिवर्सिटी में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का समय देकर संगोष्ठी में नहीं पहुंचना त्रिवेणी संत नारायण दास जी को नागवार लगा। उन्होंने वसुंधरा राजे का नाम लिए बगैर खरी खोटी सुनाते हुए कहा कि अगर उनके पास अभी टाइम नहीं है तो पांच साल कैसे राज करेंगी।
संस्कृत यूनिवर्सिटी में वैदिक ऋषि परंपरा और वंशावलियों पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को आना था। उनके नहीं आने की बात संत नारायण दास जी को पता चली तो वे नाराज हो गए। बाद में संचालकों ने उनसे  संबोधन का आग्रह किया तो उन्होंने पहले तो बोलने से मना कर दिया और बाद में काफी मिन्नतों के बाद वे बोले कि संत का टाइम भी कीमती होता है। संत गरीबों के लिए काम करते हैं।
मैंने 200 लोगों से बात की और टाइम की कमी से 500 लोगों को बगैर बात किए पीछे छोड़कर आया हूं और यहां इनके पास टाइम नहीं है। अब बताओ पांच साल कैसे सरकार चलाएंगे। उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत के पास भी हमसे मिलने का टाइम नहीं था। अब देखो उनके पास टाइम ही टाइम है। संगोष्ठी में संघ के राष्ट्रीय पदाधिकारी रामप्रसाद ने कहा कि मैडम को आना चाहिए था। उन्होंने अपनी सरकार के दो मंत्री गुलाबचंद कटारिया और अरुण चतुर्वेदी यहां भेजे हैं, ये मेहरबानी है।
वंशावली लेखन पर एकेडमी बनेगी
पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि वंशावली पर एकेडमी बनाए जाने की दिशा में काम होगा। ये उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है। ये अकादमी वंशावली सरंक्षण के लिए कार्य करेगी। कटारिया  राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी का कहना था कि इंडोनेशिया में रामलीला होती है, लेकिन भारत में राम का नाम बोलने पर आपत्ति है।
यूनिवर्सिटी के छात्रों ने किया विरोध....
एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं व छात्रों ने इस कार्यक्रम का विरोध किया। एनएसयूआई के छात्र नेता ललित किशोर गोलाड़ा ने बताया कि ये कार्यक्रम सिर्फ बीजेपी और संघ का होकर रह गया। आम छात्र को आमंत्रित नहीं किया गया।

CM केजरीवाल ने पहले ही दिन उठाए तीन बड़े कदम, बिजली-पानी पर फैसला सोमवार तक

नई दिल्‍ली. आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शनिवार करीब 12 बजे मुख्‍यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही जनता से किए 18 वादों को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए। मुख्‍यमंत्री बनने के कुछ घंटे के भीतर तीन अहम कदम उठाकर उन्‍होंने कांग्रेस और भाजपा को संकेत दे दिया कि वह हाथ पर हाथ रखकर बैठने वाले नहीं हैं। केजरीवाल ने शनिवार शाम पत्रकारों से कहा कि पानी पर स्थिति सोमवार तक साफ हो जाएगी, जबकि बिजली सस्‍ती करने के मुद्दे पर भी एक या दो दिन में वह कोई फैसला ले लेंगे। 
 
केजरीवाल ने रामलीला मैदान में शपथ लेने के साथ ही अपने इरादे जाहिर करते हुए अहम घोषणा की। उन्‍होंने अपने भाषण में कहा- कोई रिश्‍वत मांगे तो मना मत करो, उससे सेटिंग कर लो और हमें बताओ। हम उन्‍हें रंगे हाथ पकड़ेंगे। उन्‍होंने कहा कि वह दो दिन में एक नंबर जारी करेंगे, जिस पर रिश्‍वत मांगने वालों के बारे में लोग शिकायत कर सकेंगे। रामलीला मैदान से केजरीवाल राजघाट पहुंचे और वहां से सीधे सचिवालय जाकर मंत्रियों के विभाग बांटे। विभाग बांटने के बाद केजरीवाल मीडिया के सामने आए और फिर उन्‍होंने दो बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई। केजरीवाल की कैबिनेट की पहली बैठक में जो पहला फैसला लिया गया वह उनके घोषणा पत्र का अहम हिस्‍सा है।
 
केजरीवाल की कैबिनेट ने फैसला लिया कि अधिकारियों को सुरक्षा नहीं दी जाएगी। ऐसा तभी संभव होगा, जब किसी को जान का खतरा होगा। इसके अलावा एक अहम फैसला यह भी लिया गया कि कोई भी मंत्री लाल बत्ती गाड़ी और वीआईपी सुरक्षा नहीं लेगा। केजरीवाल ने चुनाव प्रचार में सरकारी खर्च में कटौती का वादा किया था और सीएम बनते ही उन्‍होंने इस ओर कदम बढ़ा दिया। खुद केजरीवाल ने मुख्‍यमंत्री को मिलने वाला बंगला लेने से इनकार कर दिया है। उनके लिए सत्‍य मार्ग, राजनिवास मार्ग और गोल मार्केट में फ्लैट देखा जा रहा है। केजरीवाल रविवार को फ्लैट देखने के लिए जाएंगे। 
 
पूरे दिन करते रहे बैठकें 
 
केजरीवाल शनिवार को बिजली विभाग और जल बोर्ड के अधिकारियों से मिले। इसके अलावा दिल्‍ली पुलिस के कमिश्‍नर भी उनसे मिलने के लिए विधानसभा पहुंचे। केजरीवाल जानते हैं कि उनके पास दिल्‍ली की जनता से किए गए वादे पूरे करने के लिए वक्‍त कम है, इसलिए उन्‍होंने सबसे पहले मंत्रियों के बीच विभाग बांटने का काम किया। केजरीवाल ने शनिवार रात को क्‍नॉट प्‍लेस स्थित पार्टी दफ्तर में रुकने की बात कही। आपको बता दें कि केजरीवाल मुख्‍यमंत्री बनने से पहले ही वह एक्‍शन में आ गए थे और जनता दरबार लगा कर लोगों की समस्‍याएं सुन-जान रहे थे। साथ ही, अफसरों को निर्देश भी देने लगे थे।

BIGG BOSS-7 की विजेता बनीं गौहर खान, तनिषा रनर-अप



मुंबई. गौहर खान बिग बॉस-7 की विजेता बन गई हैं। तनिषा मुखर्जी सातवें सीजन की रनर-अप रहीं। शो में चार फाइनलिस्ट पहुंचे- गौहर खान, संग्राम सिंह, एजाज खान और तनिषा। शनिवार को ग्रैंड फिनाले से सबसे पहले संग्राम सिंह बाहर हुए। इसके बाद एजाज के बाहर होते ही यह तय हो गया कि एक बार फिर एक महिला के सिर बिग बॉस विनर का ताज सजेगा। शो के होस्ट सलमान खान ने विजेता गौहर खान को विजेता की ट्रॉफी दी। बिग बॉस के घर में तनिषा और संग्राम 105 दिन रहे, जबकि गौहर 103 और एजाज 63 दिन रहे। 
 
बिग बॉस-7 का फिनाले शनिवार रात सलमान और एली के डांस के साथ धमाकेदार अंदाज में हुआ। इसके बाद अरमान कोहली ने सलमान के साथ डांस किया और फिर प्रत्‍यूषा, काम्‍या ने सलमान के साथ फेविकोल के गाने पर डांस किया। सलमान खान ने अपनी फेवरेट कंटेस्टेंट एली अवराम के साथ माशाल्लाह माशाल्लाह गाने पर डांस किया। फिनाले से सबसे पहले संग्राम सिंह बाहर हुए। फिनाले में एली ने सोलो डांस परफॉर्मेंस भी दी। 
 
उन्‍होंने  'ये मेरा दीवानापन है, हवा हवाई और धक-धक करने लगा पर डांस किया। इस शो के फाइनलिस्ट एजाज, संग्राम, गौहर और तनिषा ने भी फिनाले में परफॉर्म किया। सलमान खान अरमान कोहली के साथ भी परफॉर्म करते हुए दिखे। उन्‍होंने अरमान कोहली के साथ बॉडीगार्ड के 'देसी बीट' पर डांस किया। बिग बॉस शो के जरिए बेस्ट फ्रेंड बनीं प्रत्यूषा और काम्या ने 'फेविकॉल से' गाने पर सलमान खान के साथ डांस किया।  
 
गौहर खान- बिग बॉस के घर में अभिनेत्री गौहर खान अपने दबंग व्यवहार और बिंदास छवि के लिए जानी गईं। गौहर ने घर में हमेशा अपना स्टैंड लिया और दूसरों की गलतियों को तुरंत सुधारने की हिदायत देती रहीं। गौहर खान बिग बॉस की इकलौती ऐसी प्रतिभागी रहीं, जिन्‍हें बिग बॉस के घर में प्‍यार हो गया। गौहर ने कभी अपने प्‍यार को छिपाया नहीं और हमेशा खुलकर इजहार किया।

क़ुरान का सन्देश

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