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15 दिसंबर 2013

दोस्तों कोटा सम्भाग के पत्रकारों का खबरों के प्रति समर्पण और खबरें हज़म करने की एक कहानी आपके सामने है

दोस्तों कोटा सम्भाग के पत्रकारों का खबरों के प्रति समर्पण और खबरें हज़म करने की एक कहानी आपके सामने है .यह जो दैनिक भास्कर कोटा में तेरह दिसम्बर को प्रथम पेज पर छपी खबर है इस घोटाले को अखबारों में छपवाने और टीवी पर खबर चलवाने के लिए एक फरियादी सलाम शेरवानी ने ज़मीन आसमान एक कर दिया और दो सालों से लगातार इस प्रयास में रहा के यह घोटाला लोगों के सामने आये और दोषी लोगों को सज़ा मिले ......जी हाँ दोस्तों मेने   कोटा आकाशवाणी निवासी सलाम शेरवानी द्वारा सुचना के अधिकार के तहत सभी दस्तावेज एकत्रित कर देने पर पूरी खबर बनाकर सभी दस्तावेज संलग्न कर दिए जो सलाम अंसारी कोटा झालावाड़ के सभी अख़बारों ..सम्पादकों ..रिपोर्टरों ..और टी वी रिपोर्टरों को देकर आये ..किसी ने कोई खबर नहीं दी हां अलबत्ता घोटालेबाज़ों तक खबर ज़रूर पहुंचा दी गयी ..घोटालेबाज़ों के सौदेबाज़ और बाहुबली सलाम शेरवानी के पीछे पढ़ गए ....खेर भ्रष्टाचार के खिलाफ हम कहाँ हार मानने वाले थे ..मे अख्तर खान अकेला और एडवोकेट आबिद हुसेन अब्बासी ने सलाम शेरवानी की तरफ से भार्स्ताचार निरोधक विभाग में मुक़दमा दर्ज करवाने का प्रयास किया लेकिन भ्रष्टाचार विभाग में तो महाभ्रष्टताचार था वहाँ मुक़दमा  दर्ज नहीं क्या गया ..मजबूरी में हमने अदालत का सहारा लिया दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधान के तहत इस्तिगासा तय्यार क्या और ऐंटी करेप्शन कोर्ट में पेश क्या ..कई क़ानून बताने और लम्बी बहस के बाद जज साहब ने इस इस्तागासे को एफ आई आर दर्ज कर कार्यवाही के निर्देशों के साथ ऐंटी करप्शन विभाग को भेज दिया ...यह कोर्ट की खबर थी लेकिन कोटा के किसी भी अख़बार ने नक़ल के साथ खबर भेजने पर भी इस मामले की खबर नहीं छापी केवल राजस्थान पत्रिका ने छोटी सी खबर बनायी थी इलेक्ट्रॉनिक मिडिया के हर चेनल के संवाददाता को खबर बताई लेकिन सब के मुंह पर ताला लगा था ...इधर इस्तिगासा ऐंटी करप्शन विभाग को गए हुए महीना गुज़र जाने पर भी कोई मुक़दमा दर्ज नहीं फरियादी सलाम शेरवानी के चक्कर काटते काटते जूते घिस गए ...खेर अदालत से गुहार की स्टेटस रिपोर्ट के नाम पर ऐंटी करप्शन में सबसे बढ़ा करप्शन सामने आया ...अदालत ने जो परिवाद मुक़दमा दर्ज करने के लिए दिया था उसे क़ानून के खिलाफ पूर्व जांच में जनाब एडिशनल एस पी नरेंद्र कासट साहब ने सभी को लें दें कर बरी कर दिया और एक एफ आई आर खुद को परिवादी बनाकर केवल एक अभियुक्त के नाम दर्ज कर अदालत भेज दी जबकी सभी सफेदपोश अपराधियों को बचाया जा चुका था .........ताज्जुब इस पर है के एडिशनल एस पी नरेंदर कासट फरियादी पर उनके अधीनस्थ उप अधीक्षक को इसकी जांच दी गयी ..तब भी अख़बारों और इलेक्ट्रॉनिक मिडिया को खबर दी लेकिन खबर गायब ..इधर ऐंटी करप्शन विभाग के अधिकारी ने जब लेट लतीफी की और मामले को दबाने का प्रयास क्या ..तो हमने फरियादी सलाम शेरवानी के ज़रिये राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर में मामले में कार्यवाही बाबत याचिका लगाई ...वहाँ भी कोटा एटी करप्शन विभाग और मेडिकल विभाग द्वारा स्टेटस रिपोर्ट नहीं दी गयी ...आखिर हाईकोर्ट से अवमानना कार्यवाही का निवेदन क्या हाईकोर्ट ने डी जी ऐंटी करप्शन और अधीक्षक अस्पताल झालावाड़ सही कई लोगों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही के नोटिस दिए बस फिर क्या था सभी लोगों को खुद के जेल में जाने के डर से सक्रीय होना पढ़ा और फिर मजबूरी में भ्रस्टाचारियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू हुई ..फ़र्ज़ी नियुक्तिया बर्खास्त हुई ..मज़ेदार बात यह है के कोटा और झालावाड़ के अख़बार वाले पुलिस वाले ..टी वी रपोर्टर जिस खबर को दबाने के लिए भरपेट मज़े ले चुके थे उनके मंसूबों पर पानी फिर गया और खबर जयपुर से प्रकाशित होने लगी ....तो जनाब भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने में दिककते तो बहुत है पुलिस ..ऐंटि करप्शन ..प्रशासन ...अख़बार की चोकड़ी पुरे भ्रष्टाचार को दबाने के प्राथमिक प्रयास करती है लेकिन अगर हिम्मत नहीं हारो और लड़ते रहो लड़ते रहो तो यही अख़बार मजबूर होकर खबरें भी छापते है और यही अधिकारी मजबूर होकर मुक़दमे भी दर्ज करते है और दोषी लोगों के खिलाफ कार्यवाही भी होती है ..........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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