रांची. रांची में 29 दिसंबर को होने वाली नरेंद्र मोदी की रैली
के लिए पटना ब्लास्ट के आरोपी इम्तियाज के परिजनों को भी निमंत्रण मिला
है। इम्तियाज पर बोधगया ब्लास्ट और पटना में हुई नरेंद्र मोदी की रैली
में हुए ब्लास्ट में शामिल होने का आरोप है। फिलहाल वह जेल में बंद है।
रविवार को भाजपा नेता सीपी सिंह, अल्पसंख्यक मोर्चा के कमाल खां समेत
अन्य नेता सीठियो गांव पहुंचे और घर-घर जाकर लोगों को रैली में शामिल होने
का आमंत्रण पत्र बांटा। वे इम्तियाज के घर भी गए और उसके पिता को कार्ड
देकर रैली में आने के लिए कहा।
रैली की सफलता के लिए अनुसूचित जनजाति मोर्चा, किसान मोर्चा और भाजपा
के अन्य कार्यकर्ताओं ने विभिन्न जगहों पर जनसंपर्क अभियान चलाया।
मोदी की रैली को
लेकर सिटी एसपी और स्पेशल ब्रांच धुर्वा स्थित मैदान में बन रहे मंच की
एडवांस सिक्योरिटी लाइजनिंग कर चुकी है। साथ ही मंच के फॉर्मेट की
मॉनिटरिंग भी की गई है। गुजरात के मुख्यमंत्री को एनएसजी की सुरक्षा मिली
हुई है।
मंच का निर्माण पुलिस की देखरेख में किया जा रहा है। मंच से आगे डी
एरिया तक की दूरी 90 फीट की होगी। इस डी एरिया के अंदर किसी के प्रवेश की
अनुमति नहीं होगी। मीडिया का इस डी एरिया में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
रांची पुलिस ने मैदान को कब्जे में ले लिया है। वहां 16 पुलिसकर्मियों की
तैनाती कर दी गई है।
सिटी एसपी मनोज रतन चौथे ने बताया कि सभा स्थल को फुल प्रूफ
सिक्योरिटी जोन बनाया जाएगा। सर्किल और सेमी सर्किल के बीच वीआईपी को
प्रवेश दिया जाएगा। इसके बाद आम लोगों के लिए व्यवस्था की जाएगी। इस एरिया
में किसी को जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पार्टी की ओर से पुलिस को दी गई
जानकारी के अनुसार नरेंद्र मोदी बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से
सभा स्थल पर पहुंचेंगे।
जगन्नाथपुर मंदिर जा सकते हैं मोदी
नरेंद्र मोदी ने 29 दिसंबर को प्रभात तारा मैदान में आयोजित रैली में
जाने से पहले जगन्नाथपुर मंदिर में माथा टेकने की इच्छा व्यक्त की है। मोदी
की इस इच्छा के बाद प्रशासन उनके सुरक्षा प्रबंधों को पुख्ता बनाने में
जुट गया है। क्योंकि जगन्नाथपुर मंदिर पर चढ़ने के लिए बनी कंक्रीट की सड़क
बहुत ही संकरी है और ऊपर मंदिर तक जाने का रास्ता भी काफी टेढ़ा-मेढ़ा है।
इस रास्ते पर पूरे काफिले का चढ़ना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में प्रशासन
उनकी सुरक्षा के सभी संभावित उपायों की जांच-पड़ताल में लग गया है।
भाजपा के एक शीर्ष नेता ने बताया कि मोदी कई कारणों से जगन्नाथपुर
मंदिर जाना चाहते हैं। रैली में जाने से पूर्व मंदिर में भगवान का दर्शन कर
वह अपने हिंदूवादी चरित्र का संदेश देना चाहते हैं। साथ ही क्षेत्र के इस
ऐतिहासिक मंदिर में जाकर लोगों का भावनात्मक प्रेम भी हासिल करना चाहते
हैं। मोदी पिछले हफ्ते वाराणसी में हुई रैली के दौरान भी बाबा विश्वनाथ के
मंदिर गए थे।
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