नई दिल्ली. महिला आर्किटेक्ट की जासूसी के मामले में घिरे गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके सिपहसलार अमित शाह
की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। निलंबित आईएएस अधिकारी प्रदीप शर्मा ने
शनिवार को महिला जासूसीकांड में नरेंद्र मोदी का नाम लेकर सनसनी फैला दी
है। शर्मा का आरोप है कि जिस 'साहेब' के कहने पर महिला की जासूसी कराई गई, वह कोई और बल्कि खुद नरेंद्र मोदी हैं।
एक निजी चैनल और समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में प्रदीप शर्मा ने
आरोप लगाया कि उन्हें आपराधिक मामलों में इसलिए फंसाया गया है, क्योंकि
उन्हें मोदी और इस महिला आर्किटेक्ट की नजदीकियों के बारे में जानकारी है।
हालांकि, उन्होंने साफ नहीं किया है कि मोदी से महिला के कैसे रिश्ते थे।
प्रदीप शर्मा ने यह भी दावा कि जिस महिला की जासूसी
कराई जा रही है, उसकी उम्र 27 वर्ष है और उन्होंने ही 2004 में महिला को
पहली बार मोदी से मिलवाया था। निलंबित आईएएस का दावा है कि इस महिला और
मोदी के बीच रिश्ते की शुरुआत ई-मेल्स और एसएसएस के जरिए हुई।
शर्मा ने कहा- मोदी को यह भी शक है कि मेरे पास उनका एक वीडियो है। प्रदीप शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी
के खिलाफ जासूसी विवाद में सीबीआई जांच कराई जाए। प्रदीप शर्मा का यह भी
कहना है कि उनके छोटे भाई आईपीएस अधिकारी कुलदीप शर्मा ने गोधरा दंगों के
बाद मोदी की अनेक कारगुजारियों का पर्दाफाश किया था।
प्रदीप शर्मा का दावा है कि मोदी उनकी जासूसी करा रहे थे और जिस महिला
आर्किटेक्ट की जासूसी को लेकर बवाल मच रहा है, उसे नरेंद्र मोदी अच्छी
तरह जानते थे। शर्मा के मुताबिक, मोदी के साथ महिला की मुलाकात उन्होंने
ही कराई थी। प्रदीप शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में 'गुलेल और कोबरा पोस्ट' की
ओर से किए गए स्टिंग ऑपरेशन को आधार बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से सीबीआई
जांच की मांग की है। शर्मा के अनुसार, स्टिंग में वह सबूत है कि राज्य
सरकार ने किसी तरह उन्हें फर्जी मामलों में फंसाने का प्रयास किया था।
प्रदीप शर्मा ने यह भी बताया कि जिस समय यह जासूसीकांड हुआ, उस वक्त वह
भावनगर में तैनात थे।
जासूसी कांड के वक्त भावनगर में थे प्रदीप शर्मा
कौन हैं निलंबित आईएएस प्रदीप शर्मा
शीर्ष अदालत में दाखिल अर्जी में शर्मा ने इस आवेदन के साथ संलग्न किए
गए दस्तावेज और लिपि को रिकॉर्ड पर लेने तथा सीबीआई को मामला दर्ज करके
नरेन्द्र मोदी, अमित शाह और दूसरे व्यक्तियों द्वारा तार कानून, 1885 और
दूसरे कानूनों के उल्लंघन के आरोपों की व्यापक जांच करने का निर्देश देने
का अनुरोध किया है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1984 बैच के अधिकारी प्रदीप शर्मा के खिलाफ
कच्छ में 2008 में निजी फर्मों को भूमि आबंटन में कथित अनियमितताओं सहित छह
आपराधिक मामले दर्ज हैं। शर्मा चाहते हैं कि इन सभी मामलों को सीबीआई को
सौंपा जाए। भावनगर नगर निगम के आयुक्त रह चुके शर्मा को कच्छ के भूकंप
पुनर्वास कार्यक्रम में अनियमितताओं में कथित संलिप्तता से संबंधित मामले
में 6 जनवरी, 2010 को गिरफ्तार किया गया था। शर्मा का आरोप है कि मोदी
सरकार उन्हें जानबूझ कर निशाना बना रही है।मोदी पर आरोप लगाने वाले प्रदीप शर्मा ने कहा कि लड़की उन्हें पहले से
जानती थी, इसलिए उसने जासूसी के बारे में उन्हें बताया था। शर्मा की ओर से
सुप्रीम कोर्ट में दायर आवेदन में कहा गया है कि आवेदक को विश्वास है कि
2004 में मुलाकात के बाद अगले कई साल तक प्रतिवादी नंबर तीन यानी नरेंद्र
मोदी उस लड़की के संपर्क में रहे। शर्मा ने कहा कि टेप्स सामने आने के बाद
से बीजेपी भी कई बार मान चुकी है कि यह सर्विलांस मोदी के कहने पर ही किया
गया।16 नवंबर को खोजी न्यूज पोर्टल्स कोबरा पोस्ट और गुलेल ने अमित शाह और
आईपीएस अफसर जीएल सिंघला के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिग पेश की थी। इसमें
किसी लड़की की जासूसी कराने की बात हो रही थी। इशरत जहां फर्जी मुठभेड़
कांड में जेल जा चुके और फिलहाल जमानत पर छूटे आईपीएस ऑफिसर जीएल सिंघला ने
सीबीआई को बहुत सारे ऑडियो टेप सौंपे हैं। वेबसाइट कोबरा पोस्ट के
मुताबिक, इन ऑडियो टेप्स से साफ है कि अमित शाह के निर्देश पर गुजरात
पुलिस की 3 प्रमुख शाखाओं (राज्य इंटेलिजेंस ब्यूरो, क्राइम ब्रांच और
एटीएस) के अधिकारियों ने मिलकर बेंगलुरु की एक लड़की का अवैध ढंग से पीछा
कराया। उस लड़की के माता-पिता अहमदाबाद में रहते थे। रिकॉर्डिग में शाह,
सिंघला को एक लड़की की 24 घंटे निगरानी का आदेश दे रहे हैं ताकि किसी
‘साहेब’ को पल-पल की जानकारी दी जा सके। अमित शाह से बातचीत की ये
रिकॉर्डिग खुद सिंघला ने सीबीआई को सौंपी है। कांग्रेस ने इस मामले की
गहराई से जांच की मांग की है। वहीं भाजपा ने चुप्पी साध ली है।
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