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12 नवंबर 2013

BLOG: जज पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली इंटर्न वकील की आपबीती पढ़ें



सुप्रीम कोर्ट के हाल ही में रिटायर हुए जज पर यौन शोषण का सनसनीखेज आरोप लगाने वाली इंटर्न महिला वकील स्‍टेला जेम्‍स ने ब्लॉग को अपनी आपबीती कहने का माध्यम बनाया है। यौन शोषण के आरोप लगाए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्‍यीय कमेटी का गठन कर दिया है। 'जर्नल ऑफ इंडियन लॉ' में स्‍टेला जेम्‍स की ओर से लिखे गए एक ब्‍लॉग में खुद को जज के हाथों यौन शोषण का शिकार बताया है।  पढ़िए स्टेला ने क्या लिखा है ब्लॉग में 
 
पिछले साल दिसंबर में दिल्ली गैंगरेप के बाद आंदोलन चल रहा था और पूरा देश एकसुर में आवाज उठा रहा था। ठीक उसी समय मैं अपने फाइनल ईयर की सर्दी की छुट्टियों के दौरान दिल्ली में इंटर्नशिप करने आई थी। मुझे हाल ही में रिटायर हुए और सम्मानित सुप्रीम कोर्ट के जज के साथ इंटर्नशिप करने का मौका मिला। इसी दौरान उन्होंने मेरा यौनशोषण किया। मैं ज्यादा डीटेल में नहीं जाऊंगी लेकिन इतना जरूर कह सकती हूं कि मैं होटल के कमरे से काफी देर बाद बाहर निकली. उस घटना को मैं आज भी नहीं भूल पा रही हूं।
सच बताऊं तो मैं काफी सदमे में थी. एक इंसान जो सुप्रीम कोर्ट का जज है- आप उम्मीद नहीं कर सकते कि सुप्रीम कोर्ट का जज किसी का शोषण करे. मैंने सुना है कि तीन और लड़कियों का उसी जज ने यौन शोषण किया है और मैं चार ऐसी लड़कियों को जानती हूं जो दूसरे जजों का शिकार बनीं. इन लड़कियों का यौन शोषण चैंबर में ही किया गया।  
 
मेरी उनके प्रति न तो कोई दुर्भावना थी और न है लेकिन मैंने ये जिम्मेदारी समझी ताकि दूसरी लड़कियां भी इस स्थिति तक न पहुंचे। मैंने उनके लिए छह महीने तक काम किया और उन्होंने मेरे साथ अच्छा बर्ताव भी किया। ये मेरे लिए अजीब था लेकिन मैंने उन्हें इसके लिए कभी माफ नहीं किया। उनकी इस हरकत की वजह से उनको लेकर मेरा नजरिया ही बदल गया। अगर उन्होंने ये हरकत न की होती तो एक इंसान के तौर पर मेरे विचार उनके प्रति कुछ और ही होते।
एक बार ये बात बाहर आ जाएगी कि उन्होंने कुछ और लड़कियों के साथ ऐसा किया है तो लोग उन्हें इसी नजर से देखेंगे। वहां पर कोई दूसरा चश्मदीद नहीं था। सिर्फ मैं थी.. वो एक होटल का कमरा था। लोगों ने मुझे स्वेच्छा से भीतर जाते देखा और आराम से बाहर आते देखा। बाहर आते वक्त मेरे चेहरे पर डर भी नहीं था।  उस वक्त मुझे लगा कि मैं आराम से होटल से बाहर चली जाऊं। मैने किसी को उस दिन कुछ नहीं बताया। मैं डरी हुई थी। जिन दोस्तों से मैंने इस बारे में बात की उनके करियर में जजों की अहम भूमिका है और उन्हें करियर का जोखिम में पड़ जाने का डर है। मुझे इसकी चिंता नहीं है। मेरे पास एक टीम है और तीन साथी हैं जिन्होंने ब्लॉग पोस्ट करने से पहले इसे पढ़ा। मेरे लिए अच्छी बात ये है कि मैं एक संस्था से जुड़ी हूं और अगर मैं सच सामने लाती हूं तो पच्चीस लोग हैं जो मेरे साथ खड़े हैं।

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