जोधपुर के वेस्ट महिला थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक जोधपुर
आश्रम में शिक्षा-दीक्षा के नाम पर आसाराम ने लड़की के साथ एक सप्ताह तक
दुष्कर्म किया।
केस दर्ज कराने वाली लड़की मेरठ में निजी स्कूल में 11वीं में पढ़ती
थी। लेकिन आसाराम के आश्रम में दी जाने वाली शिक्षा के प्रति आकर्षण के
चलते वह जोधपुर गई थी। उसका परिवार आसाराम का भक्त है। लड़की के चाचा ने
माना कि आसाराम के ज्यादातर कार्यक्रमों में उसका परिवार शरीक होता रहा है।
लड़की के चाचा का यह भी कहना है कि आसाराम आश्रम के संचालकों ने उनके
परिजनों को अगवा कर रखा है। 27 सितंबर से लड़की के पिता और पूरे परिवार का
पता नहीं है। सभी सदस्यों के मोबाइल फोन भी बंद हैं।
यौनशोषण के आरोपों में जेल में बंद आसाराम के बेटे नारायण साईं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। नारायण पर धोखे से अपने शादीशुदा सेवादार की शादी करवाने का आरोप है। इस मामले में शुक्रवार को इंदौर की अदालत में सुनवाई होनी है। नारायण पर आरोप लगाने वाली पीड़ित महिला का कहना है कि 2000 में उसने नारायण साईं से दीक्षा ली थी।
2004 में नारायण साईं ने बहला-फुसलाकर अपने सेवादार ईश्वर वाधवानी से उसकी शादी करवा दी। महिला के मुताबिक, यह शादी नारायण साईं ने ही करवाई थी। साईं ने ही मंत्र पढ़े और फेरे करवाए थे। महिला का कहना है कि उसे दो महीने बाद मालूम हुआ कि उसका पति शादीशुदा था। इस दौरान वह गर्भवती हो चुकी थी। यही नहीं, नारायण साईं ने उसके साथ अश्लील हरकतें भी की। महिला के मुताबिक वह यह लड़ाई अपने बेटे को पिता का नाम दिलवाने के लिए लड़ रही है।
यौनशोषण के आरोपों में जेल में बंद आसाराम के बेटे नारायण साईं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। नारायण पर धोखे से अपने शादीशुदा सेवादार की शादी करवाने का आरोप है। इस मामले में शुक्रवार को इंदौर की अदालत में सुनवाई होनी है। नारायण पर आरोप लगाने वाली पीड़ित महिला का कहना है कि 2000 में उसने नारायण साईं से दीक्षा ली थी।
2004 में नारायण साईं ने बहला-फुसलाकर अपने सेवादार ईश्वर वाधवानी से उसकी शादी करवा दी। महिला के मुताबिक, यह शादी नारायण साईं ने ही करवाई थी। साईं ने ही मंत्र पढ़े और फेरे करवाए थे। महिला का कहना है कि उसे दो महीने बाद मालूम हुआ कि उसका पति शादीशुदा था। इस दौरान वह गर्भवती हो चुकी थी। यही नहीं, नारायण साईं ने उसके साथ अश्लील हरकतें भी की। महिला के मुताबिक वह यह लड़ाई अपने बेटे को पिता का नाम दिलवाने के लिए लड़ रही है।
जोधपुर की एक स्थानीय अदालत ने नाबालिग लड़की से यौन उत्पीड़न मामले
में फंसे आसाराम की सहयोगी शिल्पी को गुरुवार को आठ दिन की न्यायिक हिरासत
में जेल भेज दिया। शिल्पी मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में आसाराम के आश्रम
में वार्डन थी। उस पर लड़की को जोधपुर आश्रम भेजने का आरोप है। लड़की उसी
आश्रम में रहकर पढ़ाई करती थी।
जोधपुर की जिला एवं सत्र अदालत द्वारा शिल्पी को न्यायिक हिरासत में
भेजे जाने के आदेश के बाद शिल्पी के वकील ने जमानत के लिए आवेदन किया।
जमानत आवेदन पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। शिल्पी के वकील ने कहा कि पुलिस
हिरासत की अवधि बढ़ाए जाने की मांग नहीं किए जाने पर अदालत ने शिल्पी को
न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिए जाने के
बाद शिल्पी ने बीते 25 सितंबर को यहां अदालत में सरेंडर कर दिया था। इसके
साथ ही इस मामले में आसाराम सहित सभी पांच आरोपी न्यायिक हिरासत में भेज
दिए गए हैं और उन्हें 11 अक्टूबर को अदालत में पेश किया जागएा।
इस मामले में आसाराम के अलावा अन्य आरोपियों में शिवा (आसाराम का
सहायक), शरद चंद्र (गुरूकुल का निदेशक), प्रकाश (आसाराम का रसोइया) और
शिल्पी शामिल हैं।
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