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22 अक्तूबर 2013

बताओ नरेंदर मोदी को क्यूँ दोष देते हो वोह तो कमसेकम ऐसा नहीं करता

दोस्तों आज टी वी चेनल ऐ बी पी यानी आनंद बाज़ार पत्रिका चेनल का कोटा में कोन बनेगा मुख्यमंत्री मामले को लेकर सीधा प्रसारण था ...सभी कोंग्रेसी भाजपाई और निष्पक्ष लोग मोजूद थे .....कार्यक्रम में अल्पसंख्यक के कुछ लोग चर्चा कर रहे थे के वसुधरा तो ठीक है लेकिन नरेंदर मोदी के आने की वजह से मुसलमान अब भाजपा को नहीं कोंग्रेस को ही वोट देंगे ..इसी बीच एक भाजपा के नेता ने सलाहियत से एक सवाल उछाला और पूंछा भाई एक बात बताओ .............राजस्थान में गोपालगढ़ में जो नरसंहार हुआ ....मदरसा बोर्ड में मुसलमानों की जगह जो गेर मुस्लिमों की नियुक्तिया हुई ...मदरसों को विकसित नहीं किया गया ......मुसलमानों के कल्याण के लिए आया बजट वापस बिना उपयोग के चला गया ..मुसलमानों के कल्याण के लिए अल्पसंख्यक कल्याण म्न्त्राल्ये में भ्रष्टाचार और लापरवाही मनमानी होती ..आज की तरह कर्मचारियों की नियुक्तिया नहीं होती ....पन्द्रह सूत्रीय कार्यक्रम की क्रियानाविती बैठकों में अधिकारी सांसद नहीं जाते कार्यक्रम की इसी तरह उपेक्षा होती .....सरवाड़ अजमेर में कुरान की आयतों की बेहुरमती होती .टोंक की मस्जिद में पुलिस घुसकर आदमी मार देती .....कोटा के मंडावरा में सरपंच के साथ जो दुर्व्यवहार और फिर उसकी गिरफ्तारी हुई और बाद उन्हें पद से हटा दिया है ऐसा होता ....वक्फ कमेटियों में रूपये लेकर कमेटियां बनाई जाती ..मस्जिदें बेचीं जाती ..अतिक्रमण कारियों से साठगांठ होती ..उर्दू विषय स्कूलों में बंद किये जाते ..पैरा टीचर्स क्म्प्य्हुतर पेरातिचर्स उर्दू टीचर्स नियुक्त नहीं होते ..उर्दू बर्बाद होती .....हाजियों को परेशानी होती .....निर्दोशो मुसलमानों को जेल में बंद किया जाता ..बेरोजगारों को रोज़गार नहीं दिया जाता ..मुस्लिम बस्तियों की बदहाली होती और अगर इन सब हालातों में जो अभी चल रहे है अगर अशोक गहलोत की जगह नरेंदर मोदी मुख्यमंत्री होते तो मुसलमानों की क्या प्रतिक्रिया होती ..उसका सवाल था यह सब कोंग्रेस के शासन में इस नेत्रत्व में हुआ है तो बताओ नरेंदर मोदी को क्यूँ दोष देते हो वोह तो कमसेकम ऐसा नहीं करता ..उसका सवाल था फिर भी तुम क्या जनाब ..इसी बिच जिंदाबाद मुर्दाबाद का हां हुल्लड़ शुरू हुआ और मुझ सहित दुसरे लोग जो यह सब सुन रहे थे इस सवाल का जवाब देने बच गए ..वेसे भी सही मायनों में इन सवालों का जवाब हमारे पास था भी नहीं इसलिए हम हंगामे के शुक्रगुजार है जो इस सवाल के आगे हमे लाजवाब होने से बचा लिया तो जनाब हंगामाइयों का एक बार फिर शुक्रिया ........

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