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17 सितंबर 2013

दोस्तों आज हम आपकी मुलाक़ात एक सेठ लेकिन स्वभाव से फकीर ..सादगी के रहन सहन में सात्विक स्वभाव रखने वाले सेठ धनेश अग्रवाल उर्फ़ श्याम जी से करवाते है

दोस्तों आज हम आपकी मुलाक़ात एक सेठ लेकिन स्वभाव से फकीर ..सादगी के रहन सहन में सात्विक स्वभाव रखने वाले सेठ धनेश अग्रवाल उर्फ़ श्याम जी से करवाते है ...जी हां दोस्तों कोटा के स्वतन्त्रता सेनानी वकील सेठ लालचंद के इकलोते सुपुत्र पिता की म्रत्यु के बाद उनके काम को सम्भाल  रहे है ...सारा राजस्थान बल्कि हिन्दुस्तान जानता है के कोटा में पत्थर किंग ..ढोबिया किंग के नाम से मशहूर इस परिवार ने सेकड़ों लोगों को जहां एक तरफ रोज़गार देकर अपने पेरों पर खड़ा होकर चलना सिखाया वहीं हजारों लोगों के दुःख दर्द में मदद कर उनके लिए मसीहा साबित हुए है ..धनेश अग्रवाल पत्थर के जादूगर है जहां हाथ डालते है वहां बहतरीन पत्थर निकल आता है लेकिन अब इनकी खाने फारेस्ट में जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बंद हो जाने से इन्होने अपना व्यसाय होटल ...बिल्डर्स ..खेती बाढी कर लिया है ...राधिका सेवा संस्थान के माध्यम से सेठ धनेश अग्रवाल जब लोगों की सेवा करने के लिए निकलते है तो लगता है के यह एक आदमी की तरह से दानवीर बनकर कई लोगों के लियें मददगार साबित हो रहा है ..दोस्तों आप राधिका पेलेस होटल सब्जी मंडी के मालिक और संचालक है ..जबकि कोटा जिले के कई प्रमुख स्थानों पर आपके बढ़े बढ़े फ़ार्म हाउस है ...सेठ धनेश अग्रवाल म्रदुल स्वभावि ...मिलनसार ..हंसमुख ..चिन्तक ..दार्शनिक ..धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन करने का स्वभाव रखते है नित पूजा पाठ फिर देनिक जीवन में रोज़गार के लियें अपने सब्जी मंडी स्थित  कार्यालय पर सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक अपने कारोबार का संचालन इनकी जिंदगी है ..इस व्यस्तम माहोल में भी आप धार्मिक आयोजनों ..सामजिक आयोजनों ..खासकर गौ सेवा कार्यक्रमों के लियें विशेष तोर पर वक्त निकालते है .....श्याम जी अग्रवाल उर्फ़ धनेश अग्रवाल कोलेज जीवन में कोंग्रेस से जुड़े थे यूथ कोंग्रेस में रहकर इन्होने बहतरीन सेवा कार्य और संघर्ष किये ..इनके पिता स्वतन्त्रता सेनानी और नगर सेठ होने के अलावा आधुनिक राजस्थान के निर्माता कहे जाने वाले पूर्व मुख्यमत्री मोहन लाल सुखाडिया के निकटतम होने से अपना प्रभाव रखते थे इन्हें सियासत में कई मोके मिले लेकिन इन्होने सियासत को छोड़ कर केवल समाज सेवा क्षेत्र में ही अपना हुनर दिखाया ....धनेश अग्रवाल उर्फ़ श्याम  जी कहने को तो सेठ है लेकिन लोगों के लिए एक सादगी का अहसास दिलाने वाली मानवता के जज्बे के साथ मानवीय स्वभाव की एक तस्वीर है जिसे देख कर जिससे मिलकर हर शख्स कहता है के वाह बुलंदियों पर बेठे इस व्यक्ति ने अभी धरातल नहीं छोड़ा है और अपने कदम जमीन पर टिका कर जमीन से जुड़े लोगों की खिदमत का जज्बा भी आप में है .....धनेश अग्रवाल को इनकी पिता सेठ लालचंद की स्मरति में एक चेरिटेबल अस्पताल ..व्र्द्धाश्रम ...अनाथालय ..गोशाला ..मदरसा ..निजी चेरिटेबल स्कूल बनाने का सपना है जिसकी योजना अंतिम रूप में है और राधिका सेवा संस्थान सहित कई अन्य समाज सेवी संस्थाओं के मुखिया होने के कारन अभी यह इस कार्य को अंतिम रूप देने के पूर्व अपने साथियों के साथ विचार विमर्श में लगे हुए है .............धनेश जी कहते है हम क्या लाये थे क्या ले जायेंगे इश्वर ने सुकून दिया ..निरोगी काया दी ..जीवन दिया ..फिर क्यूँ हम रूपये पेसे के लियें भागम भाग करे .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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