देहरादून. चार धाम की यात्रा पर उत्तराखंड आए
नोएडा के देवव्रत (28) को
कुदरत के कहर का ही नहीं,
लुटेरों के अमानवीय लालच का भी शिकार होना पड़ा। लुटेरों ने उनकी मां के
शव से सोने की चेन, कान के झुमके और तीन अंगूठियां तो उतार ही लीं,
अंगूठियां उतारने के लिए दो उंगुलियां काटने से भी संकोच नहीं किया। उनकी
जेब से रुपये और गले, नाक, कान, उंगुली, में जो भी जेवर मिले बेरहमी से
उतार लिए। नहीं उतरे तो अंग काट दिए।
बाढ़ की तबाही के
बाद प्रभावित लोगों से साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार के बीच दिल्ली,
उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मध्यप्रदेश के कूड़ा चुनने वाले बच्चे
उत्तराखंड की बाढ़ से
प्रभावित लोगों की सहायता के लिए 20 हजार रुपये देंगे। ये बच्चे यह राशि
इकट्ठा कर एक या दो दिन में प्रधानमंत्री राहत कोष में दे देंगे। कूड़ा
चुनने वाले बच्चों के एक संगठन के राष्ट्रीय सचिव विजय कुमार का कहना है
कि बाढ़ से प्रभावित लोगों के प्रति इन बच्चों ने सहानुभूति जताई है। उनका
कहना है कि वे सड़कों पर रहते हैं और वे ऐसी जिंदगी की परेशानियों के
बारे जानते हैं। बाढ़ पीड़ित भी हमारी तरह की स्थिति में रहने को मजबूर है।
बाल मजदूरी से मुक्त होने के बाद अब 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले विजय ने
कहा कि जब उन लोगों ने
देखी
तो उन लोगों का दिल दहल गया। इसके बाद समूह के सभी 12 हजार बच्चों ने
पैसा इकट्ठा करने का फैसला किया। इसके बाद किस तरह से पैसा इकट्ठा किया
जाए, इस बारे में चर्चा की गई।
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