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25 जून 2013

आम आदमी जो धर्म की बात करता है वोह इश्वर को कोस रहा है ...आम इंसान गीता में क्या लिखा है कुरान में क्या लिखा है सब भूल गया है और त्रासदी इश्वर कब लाता है उसके वर्णन को भूल गया है ...एक बार फिर इस त्रासदी को धर्मग्रंथों के आयने में झांकना होगा खुद को गिरेहबान में देखना होगा और भारत की धरती पर पाप और महापाप जो हो रहे है उनको रोकने के लियें आगे आना होगा

आम आदमी जो धर्म की बात करता है वोह इश्वर को कोस रहा है ...आम इंसान गीता में क्या लिखा है कुरान में क्या लिखा है सब भूल गया है और त्रासदी इश्वर कब लाता है उसके वर्णन को भूल गया है ...एक बार फिर इस त्रासदी को धर्मग्रंथों के आयने में झांकना होगा खुद को गिरेहबान में देखना होगा और भारत की धरती पर पाप और महापाप जो हो रहे है उनको रोकने के लियें आगे आना होगा
दोस्तो उतराखंड केदारनाथ में खुदा का कहर और इंसानियत का कत्ल ......त्रासदी पर सियासत तो आम बात है लेकिन इस त्रासदी के बाद जनमानस के जो विचार जो फीडबेक आ रहे है उससे लगता है के उन्हें प्रक्रति खुद से नाराजगी हो चली है ..उनका सवाल है आखिर इस पवित्र यात्रा के दोरान इश्वर ने इस त्रासदी और दुखान्तिका को क्यूँ इस्तेमाल किया ..बूढ़े ....बच्चों और महिलाओं का क्या कुसूर था लोग तलाशने में लगे है कई तो इश्वर को कोस कर नास्तिक से हो गए है ..लेकिन दोस्तों धर्म धर्म होता है ....कहते हिया इश्वर जो करता है अच्छे के लियें करता है उसकी लीला अपरम्पार है ..वोह क्या करता है क्यूँ करता है यह सिर्फ सिर्फ व्ही जनता है इस मामले में कोई टिका टिपण्णी बेकार की बात है .इसके पहले भी कई बार चाहे हज यात्रा हो ..चाहे अमरनाथ यात्रा हो चाहे कोई भी धर्म यात्रा हो वहां त्रासदियाँ हुई है होती रही है और कई आत्माओं को मोक्ष मिलने की बात कहकर लोगों ने सब्र किया है लेकिन दोस्तों इस बार माजरा दुसरा है इस यात्रा और फिर इसके बाद इस दिल हिला देने वाली त्रासदी ने लोगों को झकझोर दिया है ..लोगों ने सियासत का काल और गंदा कुरूप चेहरा देखा है ....सरकारों का आपदा प्रबन्धन के नाम पर सियासी खेल देखा है और सरकारें किसी प्राक्रतिक आपदा और उससे निपटने के लियें पूरी तरह से तय्यार नहीं है यह सच भी जनता ने देखा है उससे भी ज्यादा जनता ने एक सच देखा है के नोकरशाह ..अफसरशाह लोग सियासत के लायक जरा भी नहीं है उनके दिल में संवेदना नहीं होती वोह त्रासदी को मात्र एक सामान्य घटना के रूप में लेते है और इसीलियें तो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री जी जो पुराने साहब लाटसाहब रहे है वोह लोगों को रोता बिलखता और लाशों के ढेर को छोड़कर स्विटज़रलैंड  सेर तफरीह को जाना चाहते है .कोंग्रेस के कुछ लोग है जो राहत सामग्री उतरवाकर हेलिकोप्टर से सेर सपाटा कर रहे है ...वाह साहब वाह त्रासदी में राहुल और मोदी का ज्यादा बोलबाला है राहत कार्यों की कम खबर है ..आम आदमी जो धर्म की बात करता है वोह इश्वर को कोस रहा है ...आम इंसान गीता में क्या लिखा है कुरान में क्या लिखा है सब भूल गया है और त्रासदी इश्वर कब लाता है उसके वर्णन को भूल गया है ...एक बार फिर इस त्रासदी को धर्मग्रंथों के आयने में झांकना होगा खुद को गिरेहबान में देखना होगा और भारत की धरती पर पाप और महापाप जो हो रहे है उनको रोकने के लियें आगे आना होगा ..प्रथ्वी पाप से दबी है और हम मंगल कामना की बात करते है ..पाप करने वाला पापी ..पाप होता देख खामोश रहने वाला पापी ..पाप में शामिल होने वाला पापी ..पाप की पेरवी करने वाला पापी और फिर पाप को देख कर नज़रंदाज़ करने वाला पापी तो दोस्तों इस धार्मिक फलसफे और धार्मिक सच के आयने में खुद को तलाशे फिर इश्वर को बुरा भला कहे इश्वर खुदा अल्लाह के भेद वाही जानता है .हाँ सरकारों को अब सोचना होगा के वोह जिलेवार ..क़स्बेवार ..संभागवार ..राज्यवार और पुरे देश मे क्षेत्रीय समस्याओं और प्राक्रतिक सम्भावित आपदा को देखकर ..सर्वेक्षित करे और केसे आकस्मिक आपदा के वक्त आपदा प्रबन्धन किया जाये उस का प्लान तय्यार करे ..बजट बढाये ..आपदा प्रबंधन कानून जो दस साल पहले बना है जिस कानून में जिले ..राज्य और केंद्र को सभी जिम्मेदारियां दी है उसको  कागज़ से बाहर निकाले इतना ही नहीं इस मंत्रालय में किसी सुझबुझ वाले संवेदनशील व्यक्ति को नियुक्त करे जो कुशल प्रबंधक भी हो संवेदनशील भी हो और सियासत पर कम काम पर ज्यादा विश्वास रखता हो ऐसे व्यक्ति को आगे लाये .लेकिन दोस्तों यह सरकारे है इस सरकार के मंत्री ..नेता ..कर्मचारी ..अधिकारी जनता के पेसे पर मजे तो करते है लेकिन जनता के लियें कुछ नहीं करते लेकिन दोस्तों वोह भी क्या करे जब वोह जनता के रुपयों पर डाका डालते है .जनता के अधिकारों का हनन करते है तब जनता खामोश रहती है उसे मुसीबत से याद अपने नेता अपनी सियासी पार्टी की फ़िक्र रहती है और जनता की ख़ामोशी सियासी पक्षपात वोटर के रूप में उसकी उदासीनता इस देश को तबाह और बर्बाद कर रहा है तो दोस्तों आप ही बताइये इस देश के पीछे नेता है ..इस देश की तबाही के पीछे लुटेरा मिडिया है .इस देश की तबाही के पीछे भ्रष्ट नेता या नोकरशा है या फिर हम खुद जो उदासीन है ..खामोश है वोटर के रूप में इस देश के साइलेंट किलर है जरा दिल पर हाथ रख कर सोचे तो सही और अगर जवाब मिले तो उठे अंगडाई ले और इस देश के पाशविक अधर्मी हालातों को बदल कर धार्मिक मानवता से परिपूर्ण बनाने के लियें एक नई गेर सियासी क्रान्ति लाये जिसमे न नफरत हो ..न पक्षपात हो ..न जाती हो ..न धर्म हो ..न भाषा हो ना सम्प्रदाय हो ..न भ्रष्टाचार हो न भाई भतीजावाद हो बस प्यार ही प्यार हो ..एकता हो ...अपनापन हो राष्ट्रीयता हो फिर देखिये एक त्रासदी से जिस इश्वर जिस अल्लाह जिस खुदा को आप और हम कोस रहे है वही इश्वर वही खुद वही अल्लाह हमारे इस मुल्क को स्वर्ग हाँ स्वर्ग बना देगा और हम स्वर्ग का सुख हमारे इसी भारत महान में ले सकेंगे बोलो क्या कर सकोगे ऐसा दर्द संकल्प नहीं ना तो जाओ सियासी पार्टियों के तलवे चाटो ..धर्म के नामा पर अधर्म फेलाने के लियें चंदे करो ..सोना और धन संचय करो ..जमीनों पर कब्जे करो दफ्तरों में लूट करो पुल  निर्माण और सड़क पटरी निर्माण में घोटाले करो और ऐसी त्रासदियों के बाद खामोश खामोश रहो और फिर ऐसी त्रादियों के लियें तय्यार रहो लेकिन माफ़ करना यह त्रासदी आपको और हमे भी तबाह और बर्बाद कर डालेगी बस इस कडवे सच का ध्यान जरूर रखना ..... .अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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