देहरादून. उत्तराखंड में बचाव कार्य कर रही सेना के साथ बड़ा
हादसा हुआ। बचाव कार्य के दौरान वायुसेना का एमआई 17 वी5 हेलीकॉप्टर
गौरीकुंड में क्रैश हो गया। दुघर्टना में हेलिकॉप्टर में सवार सभी 19
लोगों की मौत की आशंका है। इनमें पांच क्रू मेंबर, नौ एनडीआरएफ के जवान
सहित दो सिविलियन पोर्टर हैं। मरने वालों में एक एनडीआरएफ के डिप्टी
कमांडेंट भी हैं। हेलिकॉप्टर केदारनाथ से वापस अपने गोचर स्थित बेस पर आ
रहा था। दुघर्टनाग्रस्त हेलिकॉप्टर की तलाश के लिए वायुसेना ने तीन और
हेलिकॉटर गौरीकुंड की तरफ भेजे हैं। मंगलवार को केदारनाथ में और 127 लाशें भी मिलीं। इसके साथ ही सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक इस आपदा में मरने वालों की संख्या 830 हो गई हैं।
सेना ने घाटी में मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी है और इसके लिए सेना का बड़ा हेलीकॉप्टर केदार
घाटी में उतारा गया है। इस हेलिकॉप्टर से अंतिम संस्कार के लिए जरूरी
सामान ले जाया गया है। उत्तराखंड सरकार ने डीआईजी संजय गुंजयाल और डीआईजी
अमित सिन्हा से कहा है कि वह सुनिश्चित करें कि केदार घाटी में पड़ी
लाशों का अंतिम संस्कार आज मंगलवार को ही हो जाए। वहीं वायुसेना ने पहली
बार केदार घाटी में अपना बड़ा हेलिकॉप्टर उतारा है। इस हेलिकॉप्टर से
अंतिम संस्कार के लिए जरूरी सामान ले जाया गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन के
नोडल अफसर रविनाथ रमन ने बताया कि अब जंगलों में कोई पीड़ित नहीं बचा
है, सभी लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है।
नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एजेंसी ने कहा है कि मलबे के नीचे अभी
बहुत सारी लाशें दबी पड़ी हैं। इन्हें तलाश करने के लिए खास मशीन का
इस्तेमाल किया जा रहा है। एनडीएमए ने कहा कि अब यह आपदा राष्ट्रीय स्तर
की है और केंद्र सरकार को इस पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। वहीं उत्तर
प्रदेश सरकार ने गंगा में बहकर यूपी के क्षेत्र में आने वाली लाशों की
पहचान के लिए स्पेशल सेल बनाई है।
वहीं टिहरी में मंगलवार को फिर से पहाड़ खिसके हैं जिसकी वजह से एक महिला व एक बच्चे की मौत हो गई।
खराब मौसम के बावजूद सेना 9000 लोगों को सुरक्षित स्थान पर लाने में
कामयाब हो गई है। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि बरसात के चलते राहत एवं बचाव कार्यों पर असर पड़
रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि सरकार के पास उनके लिए
पर्याप्त मात्रा में दवाइयां और भोजन उपलब्ध है, वे अधीर होकर चिंता न
करें।
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