गौरतलब है कि आरएसी हैड कांस्टेबल के बेटे द्वारा ज्यादती के मामले में जब जयपुर में मेडिकल जांच हुई तो ज्यादती की पुष्टि हुई, जबकि कोटा के एमबीएस अस्पताल में रिपोर्ट इसके विपरीत थी। इसके अलावा आयोग ने पुलिस द्वारा बच्ची के बयान और अन्य सभी बातों की रिपोर्ट भी मांगी है।
आयोग की अध्यक्ष दीपक कालरा व सदस्य गोविंद बेनीवाल 6 जून को कोटा दौरे पर आए थे। बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने आरएसी के हैडकांस्टेबल के बेटे सतीश द्वारा ज्यादती और बूंदी के कैथूदा में हुई बालिका के साथ ज्यादती का मामला उठाया था। दोनों में पुलिस की भूमिका और कार्यप्रणाली को लेकर सदस्यों ने शिकायत की थी।
दादाबाड़ी थाने के तत्कालीन एसआई पृथ्वीराज मीणा द्वारा बच्ची के परिजनों को धमकाने व पुलिस की मिलीभगत से मेडिकल रिपोर्ट बदलवाने की बात कही थी। सदस्य गोविंद बेनीवाल ने बताया कि आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और एसपी को पत्र लिखकर मेडिकल रिपोर्ट के बारे में जांच करवाने के निर्देश दिए हैं।
बूंदी एसपी से मांगी वास्तविक रिपोर्ट
बेनीवाल ने बताया कि कैथूदा में बच्ची के साथ ज्यादती के बाद पुलिस वाले उसे थाने ले गए और बाद में अस्पताल में भर्ती कराया था। अस्पताल में भी उसे साधारण वार्ड में रखा गया। इस मामले में भी बूंदी एसपी से पूरे मामले की वास्तविक रिपोर्ट मांगी है।
जांच कमेटी बनाने के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा
जांच कमेटी में एएसपी, एडीएम सिटी व सीएमएचओ शामिल होंगे। कमेटी बनाने के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा है। निर्देश मिलते ही कमेटी जांच शुरू कर देगी।
- प्रफुल्ल कुमार, एसपी सिटी
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