कोटा। राजपूत समाज, ब्राह्मण समाज, जाट समाज, गुर्जर समाज,
पाटीदार समाज और न जाने कितने-कितने समाज। लेकिन जिन्होंने अंतरजातीय विवाह
किया हो, उनका कौन-सा समाज। उनके बेटे-बेटियों की शादी किस समाज में होगी।
यदि ऐसे परिवारों में विवाद हो जाए तो किस समाज से फरियाद करते।
इन सभी चिंताओं और समस्याओं से घिरे परिवारों ने कोटा में शुरुआत की।
करीब 80 परिवार जुड़े और अंतरजातीय विवाह करने वालों का समाज ही बना डाला।
कोटा में श्रीभारतीय अंतरजातीय संस्था एक समाज का आकार ले रही है। इसमें
अब तक 80 परिवार जुड़ गए हैं।
जिन्होंने अंतरजातीय विवाह किया था। ये संस्था उनके बेटे-बेटियों की
शादी भी अन्य समाजों में करा रही है। अब तक ऐसे दो सामूहिक विवाह सम्मेलन
हो चुके हैं। अंतरजातीय विवाह करने के कारण जिन परिवारों के बेटे-बेटियों
की शादियां नहीं हो पाती, वे परिवार इस संस्था से जुड़ रहे हैं।
इसके अलावा प्रेम प्रसंग या अन्य कारणों से अंतरजातीय विवाह करने वाला
कोई जोड़ा संस्था से जुड़ना चाहे तो उसे बैठक में बुलाकर संस्था के नियम
कानून कायदों की जानकारी दी जाती है। वह इन्हें मानने को तैयार हो जाए तो
पंच-पटेलों की रायशुमारी से सदस्यता दे दी जाती है।
किसी सदस्य परिवार में पति-पत्नी के बीच झगड़ा हो या अन्य कोई विवाद
हो तो उसका निबटारा भी संस्था की मीटिंग में किया जाता है। संस्था से जुड़े
80 परिवारों में से 55 परिवार कोटा शहर में रहते हैं। जिले के सांगोद,
मोड़क, बारा, अंता, बूंदी और झालावाड़ में भी इस संस्था के सदस्य हैं।
इनमें ब्राह्मण, अग्रवाल, जैन, राजपूत, मीणा, खाती, माली, कोली, तेली
और मोदी समाज के लोग शामिल हैं। संस्था के अध्यक्ष फतेहलाल बताते हैं कि
संस्था के सदस्यों को दहेज से परहेज और मृत्युभोज नहीं करने के लिए पाबंद
किया जाता है। साथ ही आर्थिक रूप से संपन्न परिवार गरीब परिवारों में
रिश्ते करते हैं।
वे खुद खाती जाति से हैं जबकि पत्नी माली जाति की हैं। एक साल के
दौरान ही उन्होंने एक बेटे की शादी राजपूत मीणा परिवार की लड़की से की है
तो दूसरे बेटे की तेली परिवार की लड़की से। राजपूत मीणा परिवार बहुत गरीब
था तो उसकी शादी का खर्चा भी उन्होंने उठाया।
और ऐसे समाचार सुर्खियों में आने से वंचित रह जाते हैं जो एक मिसाल बन सकते हैं और समाज को नयी चेतना की ओर अग्रसित कर सकते हैं। ये जलती मशाल तो घर घर तक पहुंचनी चाहिये ताकि एक तो दहेज के दानव से मुक्ति मिले दूसरा प्रेम विवाह के नाम पर आनर किलिंग से साथ ही एक नये समाज की स्थापना हो सके ।
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