सीकर। सऊदी अरब और कुवैत में इन दिनों राजस्थानी बेहद संकट में
हैं। सड़कों पर की जा रही धरपकड़ के बाद जेल के एक-एक बैरक में 200 लोगों
को ठूंसा जा रहा है। बैल्ट से पीट-पीटकर इतनी यातनाएं दी जा रही हैं कि वे
रातभर सो नहीं पाएं। दिन में मिलने वाले खाने में लिक्विड मिलाकर दिया जाता
है। 20 दिन जेल में इसी तरह की यातना झेलकर लौटे हैं शहर के जहूरुद्दीन।
तीन साल पहले परिवार को आर्थिक तौर पर मजबूत करने का ख्वाब पाले
जहूरुद्दीन कुवैत के असारी शहर गए थे। निर्माण कार्य में बतौर श्रमिक नौकरी
मिलने के बाद तीन साल से सबकुछ ठीक चल रहा था। कुछ महीने पहले कुवैत से
विदेश कामगारों को कम करने के लिए छापेमारी क्या शुरू हुई कि इनका सबकुछ
लुट गया। बकौल जहूरुद्दीन करीब 20 दिन पहले वे काम से लौटकर घर जा रहे थे।
सड़क पर पुलिस ने बिना कुछ पूछे-कहे गाड़ी में डाल लिया। पहले पांच
दिन सोवेक की बड़ी जेल में रखा और फिर अल्बानिया ले गए। यहां 15 दिन रखा।
यहां शुरू हुआ यातनाओं का ऐसा सिलसिला, जिसने कुवैत में कभी रूख न करने के
लिए तोड़ दिया।
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