गौरीकुंड. गंगा का उद्गम स्थल माने जाने वाले गंगोत्री मंदिर
में दरार आ गई है। भारी बारिश के चलते और ग्लैशियर से आने वाले पानी के
कारण मंदिर की इमारत और परिवार की दीवार में कई जगह दरार पड़ गई है।
पुजारियों का कहना है बारिश और सर्दियों में पड़ने वाली बर्फ के कारण यह सब
हो रहा है। चार धाम में से एक गंगोत्री मंदिर में गंगा माता की प्रतिमा
है। यह भागीरथी के किनारे है और नदी के वास्तविक स्रोत से 18 किलोमीटर के
फासले पर है। बेहद खराब मौसम लकड़ी से बना ढांचा एक जगह से टूट भी गया है।
वहीं रामबाणा से लेकर केदार घाटी तक अभी भी दो हजार लाशें पड़ी हुई
हैं। इन लाशों का अभी तक अंतिम संस्कार नहीं हो पाया है। आईटीबीपी के
जवान और उत्तराखंड पुलिस की टीम ने होटलों के कमरों और खुले में पड़ी
लाशों पर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया है जिससे उनकी सड़ने की गति
कम हो सके और महामारी से बचा जा सके। अभी भी 3000 से ज्यादा लोग लापता चल
रहे हैं। त्रासदी की गंभीरता इसी बात से पता चलती है कि उत्तराखंड से
सैकड़ों मील दूर इलाहाबाद तक लाशें बहकर पहुंची हैं।
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