धारीवाल-गुंजल की प्रतिष्ठा पेटी में बंद भाजपा बिखरी-बिखरी, कांग्रेस रही एकजुट
कोटा। कोटा उत्तर के लिए प्री विधानसभा चुनाव माने जा रहे वार्ड 60 के उपचुनाव में शुक्रवार को 57.26 फीसदी मतदान हुआ। चुनाव में कांग्रेस के शांति धारीवाल और भाजपा के प्रहलाद गुंजल की प्रतिष्ठा दांव पर है। परिणाम 10 जून को आएंगे। चुनाव के लिए धारीवाल ने जहां घर-घर जाकर वोट मांगे, वहीं गुंजल ने भी अंतिम समय तक जोर लगाया। हालांकि दोनों ही दल जीत का दावा करने से कतरा रहे हैं।
स्टेशन पर ज्यादा, खेड़ली फाटक पर कम वोटिंग
कांग्रेस प्रत्याशी उमादेवी के निवास क्षेत्र स्टेशन इलाके में अधिक मतदान हुआ। यहां 4 मतदान केन्द्रों केन्द्रीय विद्यालय, निर्मला स्कूल व उच्च प्रा. विद्यालय में 55 से 69 फीसदी मतदान हुआ। जबकि खेड़ली फाटक क्षेत्र के 4 मतदान केन्द्रों लार्ड कृष्णा स्कूल व मां भारती में 40 से 63 फीसदी मतदान हुआ। भाग संख्या 5 में तो मात्र 40 फीसदी वोटिंग हुई। स्टेशन इलाके में कांग्रेस और खेड़ली फाटक में भाजपा का दबदबा माना गया।
पीठासीन अधिकारी से झड़प
लार्ड कृष्णा स्कूल के मतदान केंद्र पर एक महिला के वोट को लेकर भाजपा प्रवक्ता योगेंद्र गुप्ता की पीठासीन अधिकारी भंवरलाल से झड़प हो गई। गुप्ता का कहना था कि पीठासीन अधिकारी ने महिला से वोटिंग मशीन पर नंबर एक बटन दबाने को कहा, जहां कांग्रेस प्रत्याशी का नाम था। मामला तूल पकड़ने पर अधिकारी ने माफी मांगी। उनका कहना था कि उन्होंने सूची में से किसी एक के नाम पर बटन दबाने को कहा था।
कांग्रेस-भाजपा कार्यकर्ताओं में धक्का-मुक्की
मतदान खत्म होने के बाद खेड़ली फाटक क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ता आमने-सामने हो गए। नौबत धक्का-मुक्की तक पहुंच गई। यूआईटी अध्यक्ष रविन्द्र त्यागी और पीसीसी सदस्य राजेंद्र सांखला के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता रैली निकालते हुए जब भाजपा के चुनाव कार्यालय के सामने से निकले तो भाजपा कार्यकर्ताओं ने धारीवाल के विरोध में नारे लगाना शुरू कर दिया। इस पर कांग्रेसी पलटकर भाजपा कार्यालय की तरफ आ गए। दोनों पक्षों में बहस और धक्का-मुक्की शुरू हो गई। नौबत हाथापाई तक पहुंच गई। दोनों पक्षों के नेताओं और पुलिस अधिकारियों ने बीच बचाव कर मामला शांत कराया। कुछ देर बाद पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल भी आ गए थे।
नतीजों के मायने
कांग्रेस जीती तो
यदि कांग्रेस प्रत्याशी की जीत होती है तो नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल की ताकत बढ़ेगी। यह विधानसभा क्षेत्र उनका ही है। क्षेत्र से दावेदारी जता रहे भाजपा के प्रहलाद गुंजल की दावेदारी पर असर पड़ेगा। साथ ही पार्टी को नए उम्मीदवार की तलाश करनी पड़ सकती है।
भाजपा जीती तो
भाजपा जीतती है तो पूर्व विधायक गुंजल व जिलाध्यक्ष श्याम शर्मा की पार्टी में ताकत बढ़ेगी। गुंजल की दावेदारी मजबूत होगी। वहीं धारीवाल की स्थिति कमजोर होगी। यह भी साबित होगा कि स्थानीय वार्ड में उनकी स्थिति कमजोर है। उन्हें और मेहनत की जरूरत है।
बिरला राजावत ने बनाई रखी दूरी
चुनाव में भाजपा विधायक ओम बिरला व भवानीसिंह राजावत ने पूरी तरह दूरी बनाए रखी। न तो वे चुनाव में प्रचार में पहुंचे, न ही उनके समर्थक दिखे। प्रत्याशी चयन तक तो दोनों विधायकों की मौजूदगी दिखी, लेकिन जब गुंजल समर्थक कार्यकर्ता को टिकट मिला तो दोनों ने दूरी बना ली। इस दौरान वे शहर के अन्य कार्यक्रमों में शामिल हुए, लेकिन वार्ड में नहीं पहुंचे। इसी प्रकार से कांग्रेस की ओर से सार्वजनिक निर्माण मंत्री भरतसिंह, पूर्व मंत्री रामकिशन वर्मा के समर्थक इस चुनाव में नहीं आए।
इन्होंने लगाई ताकत
कांग्रेस में- सांसद इज्यराजसिंह, अध्यक्ष गोविंद शर्मा, यूआईटी अध्यक्ष रविन्द्र त्यागी, प्रदेश महासचिव पंकज मेहता, डॉक्टर जफर, प्रीति शर्मा, गायत्री सिसोदिया, प्रवक्ता अनूप ठाकुर, पीसीसी सदस्य राजेन्द्र सांखला पूरी ताकत के साथ लगे रहे।
भाजपा में- पूर्व सांसद रघुवीरसिंह कौशल, पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल, अध्यक्ष श्याम शर्मा, अरुणा अग्रवाल, बृजेश शर्मा नीटू, किशन पाठक, हनुमान शर्मा, रिछपाल पारीक आदि सुबह से शाम तक जुटे रहे।
ये हैं पार्षद की दौड़ में
हरिमोहन शर्मा
भाजपा के वरिष्ठ नेता हनुमान शर्मा के भाई। पेशे से ठेकेदारी करते हैं। इस वार्ड से अभी तक कांग्रेस प्रत्याशी ही जीतते रहे हैं, संघ लॉबी भी उनके साथ है।
उमादेवी
कांग्रेस प्रत्याशी, पति राजेश चतुर्वेदी की मृत्यु के बाद सीट खाली हुई। इसके अलावा उनका कोई राजनीतिक परिचय नहीं है। पहली बार वे चुनाव लड़ रही हैं। सहानुभति की उम्मीद।
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