"रेल
मंत्री मामा पवन बंसल पिछड़े दरवाजे से घर में घुसे ....क़ानून मंत्री
अश्वनी कुमार पहले सर्वोच्च न्यायलय फिर अपने घर पिछड़े दरवाजे से दाखिल हुए
....सिखों के सामूहिक कत्लेआम के दोषी सज्जन कुमार बरी हो कर पिछड़े दरवाजे
से घर घुस गए थे ...मनमोहन सिंह भी प्रधानमंत्री बनने के लिए पिछड़े दरवाजे
से देश में वाया अमेरिका घुसे फिर संसद में भी पिछड़े दरवाजे यानी राज्य
सभा से गौहाटी (आसाम ) की उस गली का पता दे कर घुसे जहां के लोग कहते हैं
कि इस नाम पते शक्ल सूरत के किसी सरदार को उन्होंने कभी नहीं देखा
...सोनियाँ भी देश में पिछड़े दरवाजे से दाखिल हुईं ...रोबर्ट्स बढेरा भी
सत्ता के गलियारे में पिछड़े दरवाजे से दाखिल हैं ...राजीव शुक्ला भी
राजनीति में पिछड़े दरवाजे से दाखिल हुए हैं ...कभी अम्बिका सोनी संजय गांधी
के कमरे में पिछड़े दरवाजे से दाखिल होती थी और फिर राजनीति में भी पिछड़े
दरवाजे से दाखिल हो गयीं ...कोंग्रेसियों को पराक्रम पर नहीं अपने पिछड़े
दरवाजे का बहुत भरोसा है . अब जब भी उचित अवसर हो इन कोंग्रेसियों के
पिछड़े दरवाजे का उचित द्वारचार करें ---यह राष्ट्र की सेवा होगी ."
-----राजीव चतुर्वेदी
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