हल्दी और मेहंदी लगे आलोक कुमार (निवासी नयापुरा) के लव मैरिज का सपना इसलिए अधूरा रह गया क्योंकि उनकी लव मैरिज से ठीक दो दिन पहले हाई कोर्ट का आदेश गया है कि आर्य समाज मंदिर परिवार वालों की सहमति के बिना शादी नहीं करवाएं।आलोक के मामले में दुल्हन के परिजन की असहमति थी लिहाजा उन्हें मंदिर के मुहाने से लौटना पड़ा। उलझी कहानी को सुलझाने के लिए आलोक अब दुल्हन के परिजन को मनाने की तैयारी में हैं। भास्कर से उन्होंने कहा-अब शादी तब ही करूंगा, जब दुल्हन के परिजन तैयार हो जाएं।
मंदिर के प्रधान प्रतापसिंह आर्य ने कहा- दूल्हे को लौटाना हमें भी अच्छा नहीं लगा लेकिन क्या करते हाईकोर्ट का आदेश है कि बिना परिजनों के शादी नहीं हो। यहां तो अधिकांश लव मैरिज (अंतरजातीय विवाह) के ही मामले आते हैं।
दो साल पहले बंद की थी लव मैरिज
छावनी आर्य समाज मंदिर में दो साल पहले ही बंद कर दीं लव मैरिज - आर्य समाज मंदिर, छावनी के प्रधान वेदरत्न आर्य और आर्य वीरदल के अध्यक्ष संकेत शर्मा ने बताया में दो साल से लव मैरिज बंद ही कर रखी है।
किसी तरह की कोई परेशानी या झंझट नहीं हो इसलिए लव मैरिज नहीं करवा रहे हैं। यहां शादियां तभी करते है जब वर-वधु के माता-पिता भी साथ हों। उधर, मल्हारगंज के आर्य समाज मंदिर में अब सिर्फ अरेंज मैरिज ही होंगी। मंदिर प्रधान डॉ. दक्षदेव गौड़ के अनुसार वर-वधु और दोनों के परिजन यदि राजी हैं तो शादियां करवाएंगे।.
छावनी आर्य समाज मंदिर में दो साल पहले ही बंद कर दीं लव मैरिज - आर्य समाज मंदिर, छावनी के प्रधान वेदरत्न आर्य और आर्य वीरदल के अध्यक्ष संकेत शर्मा ने बताया में दो साल से लव मैरिज बंद ही कर रखी है।
किसी तरह की कोई परेशानी या झंझट नहीं हो इसलिए लव मैरिज नहीं करवा रहे हैं। यहां शादियां तभी करते है जब वर-वधु के माता-पिता भी साथ हों। उधर, मल्हारगंज के आर्य समाज मंदिर में अब सिर्फ अरेंज मैरिज ही होंगी। मंदिर प्रधान डॉ. दक्षदेव गौड़ के अनुसार वर-वधु और दोनों के परिजन यदि राजी हैं तो शादियां करवाएंगे।.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)