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12 मई 2013

रेशमा ने सुनाई आपबीती- ड्राई फ्रूट बीन कर खाया, नाली का पानी पीया और मरे लोगों के कपड़े पहने


ढाका। जिंदगी के लिए यदि जीने का जज्‍बा हो तो मौत भी आपको हाथ नहीं लगा सकती है। 17 दिन तक जिंदगी और मौत से लड़ने के बाद रेशमा बेगम आखिरकार जब सही सलामत बाहर निकलीं तो उनकी आंखों से आंसू झलक आए। बांग्लादेश में 17 दिन पहले गिरी 8 मंजिला इमारत के मलबे से जिंदा बच गई रेशमा को यकीन नहीं हो रहा है कि वह सही सलामत है। ढाका के एक अस्‍पताल में भर्ती रेशमा बेगम ने कहा कि जिस वक्‍त हादसा हुआ, मैंने जिंदगी की उम्‍मीद छोड़ दी थी। लेकिन खुदा के शुक्र से मैं जिंदा बच गई।
रेशमा ने 17 दिनों तक खुद को जिंदा रखने के लिए मलबे के अंदर गिरे  ड्राई फ्रूट बीन कर खाया। रेशमा बताती हैं कि अंतिम दो दिनों तक मेरे पास कुछ भी नहीं बचा था। आसपास पानी की कुछ बोतलें गिरी हुई थीं। जिनके सहारे मेरी जिंदगी कुछ दिन और बची रहीं। मलबे के अंदर एक नाली थी। जिसका पानी भी पीकर उन्‍होंने अपनी जान बचाई। इतना ही नहीं, हादसे के कारण उसके कपड़े तक फट गए थे तो उसने अपने तन को ढंकने के लिए मरे लोगों के कपड़े पहने।
19 साल की रेशमा इमारत की दूसरी मंजिल पर मिली थी। हादसे में अब तक 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 
रेशमा बताती हैं कि वह कई दिनों से बचावकर्मियों की आवाज सुन रही थीं। उन्‍होंने उन तक पहुंचने के लिए कई बार ईंट और लोहे की रॉड से आवाज करने की भी कोशिश की लेकिन मेरी सभी कोशिश नाकाम साबित हुई।
 
रेशमा की आवाज जैसे ही बचावकर्मियों तक पहुंची, उन्‍होंने तुरंत बुलडोजर्स को काम रोकने का आदेश दिया और सावधानीपूर्वक हाथों से मलबे को साफ करने लगे। उन्‍हें अचानक रेशमा का हाथ दिखा। वह ऑयरन रॉड के बीच में फंसी हुई थी। उन्‍हें काटकर रेशमा को बाहर निकाला गया।

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