आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

26 मई 2013

मां ने तोड़ा हठ, बेटी को गले लगाया, दूध पिलाया


जोधपुर. उम्मेद अस्पताल में नवजात बदलने के मामले में डीएनए रिपोर्ट शनिवार को आ गई। रिपोर्ट में साफ हो गया कि जीजा ने बेटी को और भंवरी ने बेटे को जन्म दिया है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ब्लड रिपोर्ट के आधार पर यह खुलासा पहले ही कर चुका था, लेकिन परिजनों के इससे मानने से इनकार कर दिया था। इसके बाद डीएनए टेस्ट करवाया गया था।

रिपोर्ट आने के बाद दोनों पक्षों ने इस स्वीकार कर लिया। रिपोर्ट आने के बाद उम्मेद अस्पताल की नर्सरी में पल रहे दोनों नवजातों को उनकी असली पहचान और मां मिल गई। अधीक्षक कक्ष में भंवरी के पति नारायणलाल और जीजा के पति आमीन खां को अधीक्षक डॉ. नरेंद्र छंगाणी ने रिपोर्ट का सार पढ़ कर सुनाया। उधर, किशोर न्यायालय ने बच्चे बदलने और दूध नहीं पिलाने के मामले में उम्मेद अस्पताल प्रबंधन से 28 मई को रिपोर्ट मांगी है।

छह दिन। मां के आंचल को तरसती बेटी। न पहचान। न दूध। जैसे ही शनिवार को डीएनए रिपोर्ट आई, ‘बेबी ऑफ जीजा’ को पहचान के साथ मां का दूध मिल गया। नन्ही सी जान छह दिन से अपनी मां के आंचल से लिपटने को आतुर थी, उसे उसका वह अधिकार मिल गया। उधर, भंवरी को बेशक बेटा मिल गया, मगर जीजा भी बेटी मिलने से खुश थी। उसे बेटी की मां होने का मधुर अहसास भी हुआ।

अकाउंटेबिलिटी फिक्स होगी
अधीक्षक डॉ. नरेंद्र छंगाणी ने बताया कि इस मामले में गायनी विभाग ने इसे मानवीय चूक बताया था। इस तरह की कोई गलती नहीं हो इसके लिए डॉक्टर, रेजिडेंट व नर्सेज की अकाउंटेबिलिटी फिक्स की जाएगी।

दादी ने कहा, मुझे तो यकीन था कि बेटी हमारी है..
बेटी तो खुदा की नेमत हैं..
आमीन खां ने रिपोर्ट मिलने के बाद यह कहते हुए बेटी को स्वीकार कर लिया कि यह तो खुदा की नेमत है। उसके परिजनों ने भी यही कहा कि खून उनका मिलना चाहिए। बेटी उनकी है तो दूध पिलाया जाएगा। नारायणलाल बेटे को पाकर खुश थे। दोनों ने गले मिलकर भी खुशी व्यक्त की। आमीन खां को इस बात का भी दुख था कि उसकी पत्नी की नसबंदी हो चुकी हैं।  

दोनों मां को अलग कर दो..
आमीन खां ने डॉक्टरों से आग्रह किया कि साहब दोनों माएं अभी एक ही वार्ड में हैं। इन दोनों को अलग अलग वार्डो में शिफ्ट कर दो, जिससे कोई बात नहीं हो।

दादी की गोद में खिलखिलाई नन्ही दुलारी
नर्सरी से जीजा की बेटी को लाकर उसकी दादी के हाथ सौंपा जिसे बाद में जीजा को सौंप दिया गया। हालांकि रिपोर्ट खुलने से पहले जीजा की सास यह कहती रही कि उसका तो पता ही है। जीजा की तबीयत ठीक नहीं होने से बच्ची को भी वापस नर्सरी भेज दिया गया। दोनों बच्चे नर्सरी में हैं। इधर, भंवरी का बेटा अभी संक्रमण से पीड़ित है, इसलिए उसे नर्सरी में रखा गया है। भंवरी उसे दूध पिलाने पहुंच गई।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...