सुधारवादी बोहरा समुदाय के नेता, समाजकर्मी और चिंतक डॉ. असगर अली
इंजीनियर का आज मुंबई में सुबह 8 बजे इंतकाल हो गया. 10 मार्च 1939 को
जन्मे असगर अली इंजीनियर उदयपुर (राजस्थान) के सलुंबर तहसील के रहने वाले
थे और उनका परिवार दाउदी बोहरा संप्रदाय का अनुयायी था. सत्तर के दशक में
दाउदी बोहरा की कट्टरता और दकियानुसी परंपराओं के खिलाफ जो सुधारवादी
आंदोलन शुरू हुआ इंजीनियर उसके एक प्रमुख स्तंभ थे. इस वैचारिक और खूनी
संघर्ष के बाद ही बोहरा संप्रदाय दो भागों में विभाजित हुआ. सुधारवादी गुट
ने खुद को प्रगतिशील बोहरा समुदाय कहा.
इस संघर्ष और विभाजन के
बाद ही उदयपुर और मुंबई में बोहरा समुदाय, जहां कि उनकी सबसे ज्यादा आबादी
है, ने खुल कर सांस ली, स्कूल-कॉलेज व अस्पताल खुले, लड़कियां स्कूल गई और
कई सुधारवादी कार्यक्रम शुरू हुए.
असगर अली इंजीनियर भारत के उन
प्रमुख लोगों में से थे जो देश में धार्मिक कट्टरता के खिलाफ थे और एक
धर्मनिरपेक्ष देश का सपना रखते थे.
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